राजा कृष्णमूर्ति और लैरी बकशॉन के नेतृत्व में 56 कांग्रेसियों के एक समूह ने भारतीय ग्रीन कार्ड आवेदकों की अहमियत तिथि को 195 साल से घटाकर वर्तमान तक करने के लिए बिडेन प्रशासन को एक कार्यकारी कार्रवाई प्रस्तुत की है. 56 सांसदों ने राज्य सचिव एंथनी ब्लिकन और होमलैंड सुरक्षा विभाग के सचिव एलेजांद्रो मयोरकास को पत्र लिखकर इन अत्यधिक कुशल वीजा धारकों को राहत प्रदान करने के लिए प्रशासनिक कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
अपने पत्र में, कांग्रेसियों ने प्रशासन से रोजगार-आधारित वीज़ा आवेदनों में कांसुलर मामलों के ब्यूरो द्वारा प्रकाशित वीज़ा बुलेटिन में सभी आवेदन तिथियों को अपडेट करने का आग्रह किया. ऐसा करने से आवेदकों को देश-आधारित अहमियत तिथियों के बारे में चिंता किए बिना रोजगार-आधारित वीज़ा आवेदन करने की अनुमति मिल जाएगी. इससे हजारों लोगों को जॉब बदलने के डॉक्यूमेंट्स हासिल करने की पात्रता, व्यवसाय प्रारम्भ करने की पात्रता और बिना जुर्माने के परिवार से मिलने के लिए विदेश जाने की अनुमति जैसी राहतें मिल सकेंगी. प्रशासनिक आदेश के अभाव में, ऐसे ग्रीन कार्ड आवेदक अपनी स्थिति के कारण एक ही कंपनी के लिए काम करने के लिए विवश होते हैं.
आधिकारिक तौर पर स्थायी निवासी कार्ड बोला जाता है, जिसे आम बोलचाल की भाषा में ग्रीन कार्ड बोला जाता है, यह अमेरिका में आने वाले अप्रवासी को जारी किया जाने वाला एक डॉक्यूमेंट्स है. यह इस बात का प्रमाण है कि इस दस्तावेज़ के धारक को स्थायी निवास का विशेषाधिकार दिया गया है.
कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति ने बोला कि हमने अपनी कानूनी आव्रजन प्रणाली में नौकरशाही की देरी को खत्म करने का आह्वान किया है, जो हमारी अर्थव्यवस्था और कई परिवारों को पीछे धकेल रही है. वर्तमान कानून के अनुसार प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करके, प्रशासन इस बोझ को हटाकर हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और रोजगार पैदा करने में सहायता कर सकता है. इमिग्रेशन वॉयस के अध्यक्ष अमन कपूर ने बोला कि परेशानी की जड़ में भेदभावपूर्ण आव्रजन प्रणाली है जिसके कारण भारतीय नागरिकों को ग्रीन कार्ड के लिए 195 वर्ष तक प्रतीक्षा करना पड़ता है, जबकि 150 अन्य राष्ट्रों में आवेदकों को ऐसा कोई प्रतीक्षा नहीं करना पड़ता है.