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कनाडा में मिले ऑमिक्रॉन बीए.2 के 51 नए मामले, जानिए कितना हो सकता है खतरनाक

Subhi
27 Jan 2022 12:44 AM GMT
कनाडा में मिले ऑमिक्रॉन बीए.2 के 51 नए मामले, जानिए कितना हो सकता है खतरनाक
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कोरोना का नया वैरिएंट ऑमिक्रॉन दुनिया के कई हिस्सों में चरम पर है। यह वैरिएंट कुछ देशों में तेजी से फैल रहा है। इस कड़ी में कनाडा के स्थानीय मीडिया ने बुधवार को जानकारी दी कि यहां ऑमिक्रॉन के सबवैरिएंट (उपवंश) बीए.2 के 51 नए मामले पाए गए हैं।

कोरोना का नया वैरिएंट ऑमिक्रॉन दुनिया के कई हिस्सों में चरम पर है। यह वैरिएंट कुछ देशों में तेजी से फैल रहा है। इस कड़ी में कनाडा के स्थानीय मीडिया ने बुधवार को जानकारी दी कि यहां ऑमिक्रॉन के सबवैरिएंट (उपवंश) बीए.2 के 51 नए मामले पाए गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह सबवैरिएंट अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से यहां पहुंचा है। BA.2 ओमिक्रॉन का अत्यधिक तेजी से फैलने वाला उपवंश है। बुधवार तक बीए.2 40 देशों में पाया गया है। इसका पहली बार नवंबर में पता चला था।

कनाडा की पब्लिक हेल्थ एजेंसी ऑफ कनाडा (पीएचएसी) के मुताबिक वैज्ञानिक बीए.2 सबवेरिएंट (उपवंश) पर कड़ी नजर रख रहे हैं। आगे बताया कि कनाडा सरकार टीकाकरण, सार्वजनिक स्वास्थ्य और व्यक्तिगत उपायों को लेकर भी ध्यान दे रही है ताकि कोरोना के नए वैरिएंट का प्रसार कम किया जा सके।

कनाडा ने बुधवार को कोरोना वायरस के 10,410 नए मामले दर्ज किए, अब तक देश में कुल 33,134 मौतों हो चुकी है और कुल 2,971,462 मामले सामने आ चुके हैं।

ओमिक्रॉन के चार उपवंश मिले

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (बी.1.1.529) के तीन उपवंश BA 1, BA.2 और BA.3 के बारे में पता चला है। BA.1 और BA.3 के स्पाइक प्रोटीन में विलोपन देखने को मिला है हालांकि BA.2 में इस तरह के मामले नहीं है। ओमिक्रॉन का यह वैरिएंट मूल कोरोना संक्रमण की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलता है साथ ही इसके कुछ खास लक्षण नहीं होते इसलिए इसका पता लगाना काफी कठिन हो जाता है।

कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि यह और अधिक संक्रामक भी हो सकता है। कुछ जगहों पर बीए.2 का तेजी से प्रसार चिंता पैदा करता है कि यह आगे और बढ़ेगा। इससे पहले भारत में भी ओमिक्रॉन के उपवंश BA.1 के मामले सामने आ चुके हैं। इसे लेकर भारतीय वैज्ञानिको ने आगाह भी किया है।

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कर सकता है प्रभावित

पीएचएसी के अनुसार BA.2 में BA.1 में कई समानताएं हैं लेकिन कुछ असमानताएं भी हैं। इनमें अलग तरह से म्यूटेशन होता है जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित कर सकता हैं। आगे बताया कि वर्तमान में उपवंश से जुड़े कई सबूत हैं कि BA.1 और BA.2 के बीच अंतर कितना प्रभावशाली हो सकता है। हालांकि कनाडा में वैज्ञानिक मामलों की गहनता से निगरानी कर रहे हैं।


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