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यूक्रेन-रूस जंग के 50 दिन: दुनिया में 'विश्व युद्ध' का खतरा! पुतिन ने क्या खोया और क्या पाया जानें?

jantaserishta.com
14 April 2022 8:26 AM GMT
यूक्रेन-रूस जंग के 50 दिन: दुनिया में विश्व युद्ध का खतरा! पुतिन ने क्या खोया और क्या पाया जानें?
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Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन की जंग का आज 50वां दिन है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान किया था. जब रूस और यूक्रेन में जंग शुरू हुई, तब किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि ये जंग इतनी लंबी खिंच जाएगी. जंग के इतने दिन गुजरने के बाद भी रूस को कोई बड़ी कामयाबी हाथ नहीं लगी है, बल्कि यूक्रेन पूरा तबाह हो चुका है.

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, 50 दिनों की जंग में 46.56 लाख लोगों ने यूक्रेन छोड़ दिया है. ये लोग पड़ोसी देशों में अब शरणार्थियों की तरह जी रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि अब तक जितने लोगों ने यूक्रेन छोड़ा है, उनमें से 90 फीसदी महिलाएं और बच्चे हैं. संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है कि ऐसे में अब इनकी तस्करी का खतरा भी बढ़ गया है.
इतने दिन की जंग में यूक्रेन को तो नुकसान ही हुआ है, लेकिन रूस की हालत भी कुछ कम खराब नहीं हुई है. दुनियाभर में रूस पर प्रतिबंध तो लग ही गए हैं, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है. इसके अलावा इस जंग में रूस के हजारों सैनिक भी मारे गए हैं.
सैन्य मोर्चे पर किसे कितना नुकसान हुआ?
- रूसः यूक्रेन का दावा है कि इस जंग में अब तक 19,800 रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं. यूक्रेन ने रूस के 158 प्लेन, 143 हेलीकॉप्टर, 798 टैंक, 358 आर्टिलरी, 1964 बख्तरबंद गाड़ियां, 1429 सैन्य वाहन, 76 फ्यूल टैंक और 132 ड्रोन को मार गिराने का दावा भी किया है. इसके साथ ही 64 एंटी-एयरक्राफ्ट को भी तबाह करने का दावा यूक्रेन ने किया है. हालांकि, रूस ने 25 मार्च को कहा था कि इस जंग में उसके 1,351 सैनिक मारे गए हैं.
- यूक्रेनः रूस की ओर से 25 मार्च को दावा किया गया था कि इस जंग में यूक्रेन के 30 हजार सैनिकों को नुकसान पहुंचा है. इनमें से 14 हजार की मौत हो गई है और 16 हजार सैनिक घायल हो गए हैं. इसके अलावा बुधवार को रूस ने मारियूपोल में 1 हजार से ज्यादा यूक्रेनी सैनिकों के सरेंडर करने का दावा भी किया है.
यूक्रेन में शहर-शहर तबाही...
- मारियूपोलः यूक्रेन के दक्षिण में स्थित इस शहर में रूस और यूक्रेन की सेना में जबरदस्त संघर्ष जारी है. हालांकि, बुधवार को रूसी सेना ने मारियूपोल में नियंत्रण होने का दावा किया है. डोनेत्स्क के स्थानीय प्रशासन के प्रमुख पवेल किरिलेन्को ने बुधवाक को बताया कि मारियूपोल और उसके आसपास के इलाकों में 20 से 22 हजार लोग मारे गए हैं. मारियूपोल के मेयर वादिम बोयशेन्को का कहना है कि अब तक 1.5 लाख लोग यहां से जा चुके हैं और 1.80 लाख से ज्यादा लोग अब भी यहां फंसे हुए हैं.
- कीवः कई दिनों तक चले संघर्ष के बाद रूसी सेना ने कीव से वापस लौट गई है. लेकिन यहां सबकुछ तबाह हो चुका है. इस्तांबुल की राजधानी तुर्की में हुई वार्ता के बाद रूस ने कीव और चेर्नीहिव से लौटने का वादा किया था. कीव के मेयर विताली क्लित्शको ने बताया कि अब लोग वापस लौटने लगे हैं. हालांकि, रूस अब भी धमका रहा है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, रूस ने धमकी दी है कि अगर यूक्रेन ने हमले करना बंद नहीं किया तो कीव कमांड सेंटर पर हमला किया जाएगा. यूक्रेन का दावा है कि कीव ओब्लास्त से अब तक 720 शव मिल चुके हैं और 200 लोग अब भी लापता हैं.
- खारकीवः यूक्रेन के दूसरे सबसे शहर खारकीव में भी अभी जमकर संघर्ष चल रहा है. बुधवार को ही खारकीव में रूसी सेना ने बमबारी की, जिसमें 7 लोगों के मारे जाने का दावा यूक्रेन ने किया है. सोमवार को ही खारकीव की एक रिहायशी इमारत के पास 100 से ज्यादा प्रतिबंधित माइन्स मिली थीं. यहां जो माइन्स मिली थीं, उन्हें 1997 की ओटावा ट्रीटी के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था.
- बूचाः कीव से सटे बूचा शहर में हुए शवों का मिलना अब भी बंद नहीं हुआ है. यूक्रेन की स्थानीय मीडिया के मुताबिक, बूचा में अब तक 400 से ज्यादा शव मिल चुके हैं और सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है. बूचा में हुए कथित 'नरसंहार' की दुनियाभर में आलोचना हुई थी. यहां सड़कों पर शव पड़े हुए थे. भारत ने भी बूचा नरसंहार की निंदा की थी. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसके लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर वॉर क्रिमिनल का केस चलाने की मांग की थी. हालांकि, पुतिन ने बूचा में हुई हत्याओं को फर्जी बताया है.
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, करीब 2 हजार लोग मारे गए
रूस के साथ जंग में यूक्रेन ने आम नागरिकों की मारे जाने का बहुत बड़ा आंकड़ा दिया है. अकेले मारियूपोल में ही 20 से 22 हजार लोगों की बात कही जा रही है. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 13 अप्रैल तक यूक्रेन में 1,932 लोग मारे जा चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक जंग में अब तक 4,521 लोग घायल हुए हैं. इनमें से डोनेत्स्क और लुंहास्क में 698 लोग मारे गए हैं, जबकि जिन इलाकों पर यूक्रेन का नियंत्रण है, वहां 621 लोगों की मौत हो चुकी है.
सड़क, अस्पताल, स्कूल... सबकुछ तबाह
रूसी हमलों में यूक्रेन के शहर-शहर तबाह हो चुके हैं. कीव स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के मुताबिक, रूस के साथ जंग में अब तक यूक्रेन का 80 अरब डॉलर का इन्फ्रास्ट्रक्चर तबाह हो गया है. भारतीय करंसी में ये आंकड़ा 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का बैठता है.
कीव स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के मुताबिक, जंग में यूक्रेन की 23 हजार किमी की सड़क, 37 हजार वर्ग मीटर का रियल एस्टेट, 319 किंडरगार्टन, 205 मेडिकल इंस्टीट्यूशन, 546 शैक्षणिक संस्थान और 145 फैक्ट्री तबाह हो चुकी है.
इनके अलावा 54 सरकारी इमारतें, 277 पुल, 10 मिलिट्री एयरफील्ड, 8 एयरपोर्ट और 2 बंदरगाह डैमेज हो गए हैं. कीव स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स का कहना है कि इस जंग में अब तक 74 धार्मिक इमारतें और 62 सांस्कृतिक इमारतें या तो डैमेज हो गईं हैं या फिर पूरी तरह तबाह हो गईं हैं.
यूक्रेन की GDP 45% तक गिरने का अनुमान
रूस के साथ जंग में यूक्रेन की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह तबाह होने की आशंका है. वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, इस साल यूक्रेन की जीडीपी में 45 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आने का अनुमान है. वहीं, रूस की जीडीपी भी 11 फीसदी तक गिर सकती है.
कीव स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को अब तक 543 अरब डॉलर से 600 अरब डॉलर तक का नुकसान होने का अनुमान लगाया है. भारतीय करेंसी में ये आंकड़ा 41.31 लाख करोड़ से लेकर 45.65 लाख करोड़ रुपये तक बैठता है.
वहीं, अर्थशास्त्रियों के नेटवर्क सेंटर फॉर इकोनॉमिक पॉलिसी रिसर्च (CEPR) के रिसर्चरों ने अनुमान लगाया है कि जंग की वजह से तबाह हुए यूक्रेन को पुनर्निर्माण करने में 220 अरब डॉलर (17 लाख करोड़ रुपये) से लेकर 540 अरब डॉलर (41 लाख करोड़ रुपये) का खर्च आ सकता है.
रूस-यूक्रेन का दुनिया पर क्या असर?
- आम लोगों परः संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस का कहना है कि दुनिया के 1.7 अरब लोग पहले से ही गरीबी और भूख से जूझ रहे हैं, अब रूस-यूक्रेन की जंग से इनकी संख्या और बढ़ सकती है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, दुनिया के 69 देशों के 1.2 अरब लोगों पर इसका बुरा असर पड़ने की आशंका है. इनमें से 50 देश अफ्रीका और एशिया के हैं. दुनिया के 36 से ज्यादा सबसे गरीब देश गेहूं के लिए रूस और यूक्रेन पर निर्भर थे. जंग की वजह से गेहूं की कीमत 30 फीसदी तक बढ़ गई है.
- अर्थव्यवस्था परः रूस और यूक्रेन की जंग से न सिर्फ इन दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर खतरा है, बल्कि दुनियाभर की अर्थव्यस्था पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है. पिछले साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र ने 2022 में ग्लोबल इकोनॉमी में 3.6% की ग्रोथ होने का अनुमान लगाया था, लेकिन अब इसे घटाकर 2.6% कर दिया है. सिर्फ दुनिया ही नहीं, भारत की विकास दर का अनुमान भी घट गया है. संयुक्त राष्ट्र ने 2022 में भारत की जीडीपी की ग्रोथ रेट का अनुमान 6.7 फीसदी से घटाकर 4.6 फीसदी कर दिया है.


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