विश्व

5 से 6 सेकेंड के भूकंप ने मचा दी भयंकर तबाही, लगभग दो हजार लोगों की ली जान, 45 हजार बेघर

Neha Dani
1 April 2021 3:39 AM GMT
5 से 6 सेकेंड के भूकंप ने मचा दी भयंकर तबाही, लगभग दो हजार लोगों की ली जान, 45 हजार बेघर
x
निकारागुआ की अर्थव्यवस्था को इससे बहुत ज्यादा नुकसान हुआ था.

दुनिया ने एक से बढ़कर एक तेज तीव्रता वाले भूकंप (Earthquake) का सामना किया है. इन भूकंपों के चलते कई जगहों की भौगोलिक स्थिति तक बदल गई. लाखों लोगों ने भूकंपों के चलते अपनी जान गंवाई है. जबकि करोड़ों की संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनके आशियाने जमींदोज हो गए. ऐसा ही एक भूकंप आज से करीब 90 साल पहले आज ही के दिन सेंट्रल अमेरिकी देश निकारागुआ (Nicaragua) की राजधानी मनागुआ (Managua) में आया था. इस प्राकृतिक आपदा में लगभग दो हजार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 45 हजार लोग बेघर हो गए.

एक अप्रैल 1931 को राजधानी मनागुआ भूकंप के झटकों से हिल गई. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.1 मापी गई. भूकंप के झटके महसूस होते ही पूरी राजधानी में अफरा-तफरी का माहौल हो गया. लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकलकर भागने लगे. भूकंप के चलते एक भीषण आग लगी, जो हजारों घरों के जलने का कारण बनी. ये आग इतनी भयंकर थी कि अगले दिन तक जलती रही. उस समय के मुताबिक इस पूरी आपदा में 35 मिलियन डॉलर (लगभग 250 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ, जो निकारागुआ जैसे छोटे देश के लिए बहुत ही अधिक था.
5 से 6 सेकेंड के भूकंप ने मचा दी भयंकर तबाही
मनागुआ (Managua) में सुबह के समय लोग अपने-अपने काम पर जाने के लिए निकले थे. अभी तक राजधानी का माहौल पूरी तरह से शांत था. तभी 10.10 बजे भूकंप के तेज झटके ने लोगों को हिलाकर रख दिया. भूकंप (Earthquake) की तीव्रता इतनी अधिक थी कि शहर के पश्चिमी हिस्से की सड़कों में दरार आ गई. हालांकि मनागुआ के पूर्वी हिस्से को कोई खास नुकसान नहीं हुआ. भूकंप के झटके 5 से 6 सेकेंड तक महसूस किए गए. लेकिन शहर में तबाही मचाने के लिए इतना समय काफी था. इसका केंद्र मनागुआ के मध्य में था.
राजधानी का सबसे संपन्न इलाका राख में बदला
भूकंप के झटकों की वजह से भयंकर आग लग गई, जो कई दिनों तक जलती रही. इस आग से शहर का सबसे संपन्न माना जाने वाला इलाका राख में तब्दील हो गया. कुल मिलाकर शहर के 33 ब्लॉक आग के इस तांडव की भेंट चढ़ गए. राजधानी का 10 स्क्वायर किलोमीटर का क्षेत्र बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. नेशनल बैंक ऑफ निकारागुआ को छोड़कर शहर के सभी प्रमुख सरकारी भवन और देश के अधिकांश अभिलेखागार नष्ट हो गए. उस समय शहर की आबादी 60,000 हुआ करती थी. इसमें से करीब 45,000 लोगों को बेघर होना पड़ा.
जेल में बंद कैदियों ने गंवाई सबसे अधिक जानें
अमेरिकन रेड क्रॉस द्वारा किए गए राहत प्रयासों के निदेशक अर्नेस्ट जे स्विफ्ट ने लगभग 30 से 35 मिलियन डॉलर तक के नुकसान का अनुमान लगाया. वहीं, सबसे ज्यादा मौतें शहर की जेल में हुई, जहां बंद कैदी भूकंप से बचने में नाकामयाब हुए. वहीं, भूकंप के झटकों के थमने पर अमेरिकन मरीन और गोर्डिया नेशनल ने तुरंत मनागुआ में राहत-बचाव का काम शुरू किया. अमेरिकी सैनिकों ने तुरंत एक अस्थायी अस्पताल का निर्माण किया. जबकि अन्य जवान आग बुझाने में लग गए.
पड़ोसी देशों के लोगों ने बढ़ाया मदद का हाथ
मेक्सिको, पनामा और सेंट्रल अमेरिकी देशों के नागरिक भी मनागुआ में लोगों की मदद के लिए आगे आए. मलबे के भीतर से शवों को निकालने का काम शुरू हुआ. शहर का पश्चिमी हिस्सा खंडहर की तरह नजर आ रहा था. अमेरिका ने मदद के लिए मेडिकल सप्लाई मुहैया कराई, ताकि कोई महामारी न फैल सके. कुल मिलाकर राहत-बचाव कार्य समाप्त होने तक दो हजार लोगों की इस भूकंप के चलते मौत हो गई थी. निकारागुआ की अर्थव्यवस्था को इससे बहुत ज्यादा नुकसान हुआ था.


Next Story