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पाकिस्तान में जोरदार धमाका से अबतक मृतकों की संख्या 44 और 150 लोग हुए घायल

Sonam
31 July 2023 10:26 AM GMT
पाकिस्तान में जोरदार धमाका से अबतक मृतकों की संख्या 44 और 150 लोग हुए घायल
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पाक के खैबर पख्तूनख्वा में बीते दिन रविवार को जोरदार धमाका हुआ। जिसमें कई लोगों की मृत्यु हो गई। साथ ही दर्जनों लोग घायल हो गये है। घायलों में कई की हालत गंभीर है, ऐसे में मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। वहीं, विस्फोट के बाद से अबतक मृतकों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है। वहीं, 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं। धामाका उस समय हुआ जब जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल की तरफ से एक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा था। वहीं धमाके के बाद पूरे क्षेत्र में हडकंप मच गया। रिपोर्ट के अनुसार पाक के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के अशांत कबायली जिले में आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट किया जिससे कम से कम 44 लोगों की मृत्यु हो गई और करीब 100 अन्य घायल हो गए।

बाजौर क्षेत्र के जिला इमरजेंसी अधिकारी साद खान ने मृतकों की संख्या की पुष्टि की है।उन्होंने बोला कि विस्फोट में जेयूआई-एफ के क्षेत्रीय नेता मौलाना जियाउल्लाह जान भी मारे गये। बचावकर्मियों ने बोला कि घायलों में कई की हालत बहुत नाजुक है, ऐसे में हताहतों की संख्या बढ़ भी सकती है। वहीं, विस्फोट के बाद पूरे क्षेत्र में अफरातफरी का महौल हो गया। लोग इधर उधर भागते नजर आये। बता दें, विस्फोट के समय 500 से अधिक लोग सम्मेलन स्थल पर उपस्थित थे।

वहीं, मलकंद रेंज के पुलिस डीआईजी नासिर महमूद सत्ती ने बोला कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह एक आत्मघाती विस्फोट था। उन्होंने बोला कि विस्फोट को लेकर जानकारी हासिल करने के लिए सबूत जुटाये जा रहे हैं। पुलिस ने घटना के बाद पूरे क्षेत्र को सील कर दिया है। इसके साथ ही पुलिस तलाशी अभियान भी चला रही है। अभी तक किसी भी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। वहीं, पाक के पीएम शहबाज शरीफ ने जेयूआई-एफ सम्मेलन में हुए विस्फोट की कड़ी आलोचना की। उन्होंने बोला कि आतंकियों ने इस्लाम, पवित्र कुरान और पाक के पैरोकारों को निशाना बनाया। पीएम ने कहा, आतंकी पाक के शत्रु हैं और उनका खात्मा कर दिया जाएगा।उन्होंने बोला कि घटना में शामिल तत्वों को कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और खैबर पख्तूनख्वा गवर्नमेंट से घटना की रिपोर्ट भी मांगी।

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की और उन्हें समय पर चिकित्सा सहायता मौजूद कराने पर बल दिया। गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने हमले के दोषियों को इन्साफ के कटघरे में लाने की प्रतिबद्धता जतायी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, आतंकियों की कायरतापूर्ण हरकतें हमारे उत्साह को कम नहीं कर सकतीं।

जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने पाक के पीएम शहबाज शरीफ और प्रांत के कार्यवाहक सीएम आजम खान से घटना की जांच कराने की मांग की। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से हॉस्पिटल पहुंचकर रक्तदान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, जेयूआई कार्यकर्ताओं को शांत रहना चाहिए और संघीय और प्रांतीय सरकारों को घायलों को सर्वोत्तम उपचार प्रदान करना चाहिए।

जिला प्रशासन से मांगी गई रिपोर्ट

प्रांत के सीएम खान ने विस्फोट की आलोचना करते हुए जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। पुलिस ने कहा कि घायलों को नजदीकी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है जिनमें से अधिकांश की हालत गंभीर बताई जा रही है। जेयूआई-एफ नेता हाफिज हमदुल्ला ने बोला कि उन्हें सम्मेलन में भाग लेना था, लेकिन कुछ पर्सनल प्रतिबद्धताओं के कारण वह नहीं जा सके। जेयूआई-एफ नेता ने कहा, मैं विस्फोट की कड़ी आलोचना करता हूं और इसके पीछे जो लोग हैं, उन्हें यह संदेश देना चाहता हूं कि यह जिहाद नहीं बल्कि आतंकवाद है। उन्होंने बोला कि यह इन्सानियत और बाजौर पर धावा है।हमदुल्ला ने मांग की कि विस्फोट की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने बोला कि यह पहली बार नहीं है कि जब जेयूआई-एफ को निशाना बनाया गया है। उन्होंने कहा, ऐसा पहले भी हो चुका है…हमारे कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया है। हमने इस पर संसद में आवाज उठाई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

हमदुल्ला ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और प्रांतीय गवर्नमेंट से घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने का आग्रह भी किया। प्रांत के कार्यवाहक सूचना मंत्री जमाल फ़िरोज़ शाह ने बोला कि पेशावर और दीर जिले के अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है। इस बीच, अमेरिकी दूतावास ने इस्लमाबाद में बयान जारी कर कहा, हम अत्याचार के इस जघन्य कृत्य की कड़ी आलोचना करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बेगुनाह लोगों की जान चली गई और कई अन्य लोग घायल हुये हैं। शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक समाज में आतंक के ऐसे कृत्यों का कोई जगह नहीं है। बयान में बोला गया है, हम इस मुश्किल समय में पाक के लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं। हम आतंकवाद से लड़ने और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पाक के प्रयासों का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।

अफगानिस्तान की सत्ता में अगस्त 2021 में तालिबान की वापसी के बाद पाक में आतंकी हमलों में वृद्धि देखी गई है। पिछले वर्ष नवंबर में, तहरीक-ए तालिबान पाक (टीटीपी) ने अनिश्चितकालीन युद्धविराम को रद्द कर दिया था और अपने आतंकियों को पाक के सुरक्षा बलों पर हमले करने का आदेश दिया था।तीस जनवरी को, पाक तालिबान के एक आत्मघाती हमलावर ने पेशावर की एक मस्जिद में दोपहर की नमाज के दौरान स्वयं को विस्फोट करके उड़ा लिया था, जिसमें 101 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। फरवरी में, हथियारों से लैस टीटीपी आतंकियों ने पाक के सबसे अधिक जनसंख्या वाले शहर कराची पुलिस प्रमुख के कार्यालय पर धावा बोल दिया था और उस दौरान हुई गोलीबारी में तीन आतंकियों और दो पुलिस कांस्टेबलों सहित चार अन्य की मृत्यु हो गई थी।

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