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ब्रिटेन के प्रिंस फिलिप को दी गई 41 तोपों की सलामी, हुई आठ दिनों के राष्ट्रीय शोक की शुरुआत

Neha Dani
11 April 2021 6:59 AM GMT
ब्रिटेन के प्रिंस फिलिप को दी गई 41 तोपों की सलामी, हुई आठ दिनों के राष्ट्रीय शोक की शुरुआत
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नौसेना में सेवा देने के लिए उन्हें ‘ग्रीक वॉर क्रॉस ऑफ वेलोर’ से भी सम्मानित किया गया.

यूनाइटेड किंगडम की सभी राजधानियों और नौसैनिक पोतों ने शनिवार को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पति और ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग दिवंगत प्रिंस फिलिप (Prince Philip) को तोपों की सलामी दी. प्रिंस फिलिप का 99 साल की उम्र में शुक्रवार को विंडसर कैसल में निधन हो गया.

लंदन, कार्डिफ, बेलफास्ट और एडिनबर्ग में शनिवार दोपहर से प्रत्येक मिनट पर एक गोला दागे जाने की दर से 41 तोपों की सलामी के साथ देश में आठ दिन के राष्ट्रीय शोक की शुरुआत हुई.
शाही परिवार की वेबसाइट पर पोस्ट बयान के अनुसार, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अवसरों पर देश भर में तोपों की सलामी देने की परंपरा कम से कम 18वीं सदी से शुरू हुई. कुछ ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुसार 14वीं सदी में भी तोपों की सलामी दी गई है.
शाही परिवार की वेबसाइट के मुताबिक, उस दौरान बंदूकें, तोप और बारुद बड़े पैमाने पर बनना शुरू हुआ था. पोस्ट में कहा गया है, महारानी विक्टोरिया के निधन पर 1901 में भी ऐसे ही तोपों की सलामी दी गई थी. उन्होंने सेना के साथ ड्यूक के संबंधों का भी सम्मान किया. ड्यूक ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश नौसेना के साथ काम किया था.
ब्रिटेन के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल निक कार्टर ने कहा, प्रिंस सशस्त्र बलों के लिए बहुत अच्छे मित्र, प्रेरक और आदर्श थे. हम उन्हें बहुत याद करेंगे. उन्होंने कहा, ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हमारे (सेना के) साथ काम किया था और पूरी जिंदगी रॉयल नौसेना और सशस्त्र बलों के लिए समर्पित रहे. उन्होंने अच्छी जिंदगी जी, प्रिंस अपने पीछे समृद्ध विरासत छोड़कर जा रहे हैं. वर्तमान और पूर्व, सभी सैनिकों की ओर से उनको धन्यवाद.
लोगों को तोपों की सलामी दूर से देखने की सलाह दी जा रही है और उनका टीवी पर तथा ऑनलाइन प्रसारण हो रहा है. कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर बकिंघम पैलेस ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे बड़ी संख्या में महल के बाहर एकत्र ना हों और ड्यूक की याद में फूल चढ़ाने की जगह जरुरतमंदों की मदद के लिए पैसे दान करें.
पैलेस की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन 'बुक ऑफ कंडोलेंस' जारी किया गया है. शुक्रवार को ड्यूक के निधन की घोषणा करते हुए बकिंघम पैलेस ने कहा था, महारानी बेहद दुख के साथ अपने प्रिय पति के निधन की सूचना दे रही हैं. राजपरिवार और दुनिया भर के लोग उनके जाने का शोक मना रहे हैं.
बता दें कि प्रिंस फिलिप का जन्म 10 जून 1921 ग्रीस के कोर्फू द्वीप पर हुआ था. वह प्रिंस एंड्रयू ऑफ ग्रीस एंड डेनमार्क और प्रिंसेस एलिस ऑफ बटनबर्ग की एकलौते संतान थे. साल 1928 में सात साल की उम्र में प्रिंस फिलिप ने इंग्लैंड के एक स्कूल में पढ़ाई की शुरुआत की.
प्रिंस फिलिप साल 1939 में पहली बार रॉयल नेवी में शामिल हुए. द्वितीय युद्ध के दौरान उन्होंने नेवी में रहते हुए इसे अपनी सेवाएं दीं. नौसेना में सेवा देने के लिए उन्हें 'ग्रीक वॉर क्रॉस ऑफ वेलोर' से भी सम्मानित किया गया.


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