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ब्लैकमेल करने वाले संचालक को 40 साल की जेल, महिलाओं से ऑनलाइन करवाता था ये गंदा काम

Neha Dani
27 Nov 2020 2:33 AM GMT
ब्लैकमेल करने वाले संचालक को 40 साल की जेल, महिलाओं से ऑनलाइन करवाता था ये गंदा काम
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दक्षिण कोरिया में एक ऑनलाइन चैट रूम के संचालक को 40 साल की जेल की सजा सुनाई गई है।

जनता से रिश्ता वेबडेसक| दक्षिण कोरिया में एक ऑनलाइन चैट रूम के संचालक को 40 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। उसका अपराध है कि उसने महिलाओं को अश्लील वीडियो दिखाए और उन्हें ब्लैकमेल किया। यही नहीं बल्कि चैट रूम के इस संचालक ने महिलाओं को अन्य लोगों को बेच भी दिया। उसके इस अपराध में नाबालिग भी शामिल रहे हैं। राष्ट्रपति मून जेई-इन ने अपराधी को सख्त सजा की अपील की थी।

अदालत के प्रवक्ता किम योंग चेन ने बताया कि 25 वर्षीय कॉलेज ग्रेज्युएट चो जू-बिन ने एक ऑनलाइन समूह चलाया था जिसमें महिलाओं और लड़कियों को शामिल किया गया। इस चैट रूम से कम उम्र की लड़कियों को यौन सामग्री भेजने का दबाव बनाया गया अन्यथा उन्हें गोली मारने की धमकी भी दी गई। इन्हें मैसेजिंग एप टेलीग्राम के पे पर व्यू चैट रूम में पोस्ट किया गया।

चैट रूम के संचालक चो जू-बिन को अदालत ने 40 साल की सजा इसलिए दी ताकि नाबालिगों की सुरक्षा हो सके और आपराधिक रिंग बनाकर कानून का उल्लंघन रोका जा सके। प्रवक्ता ने बताया कि बिन ने यौन उत्पीड़न के लिए पीड़िताओं को बड़ी संख्या में ब्लैकमेल किया। प्रवक्ता ने बताया कि चो के अपराध की गंभीरता और बुरे प्रभाव को देखते हुए उसे अदालत ने लंबे समय तक समाज से अलग रखने का फैसला किया है।

देश की संस्कृति बर्बाद करने का आरोप

कॉलेज ग्रेज्युएट चो जू-बिन पर दक्षिण कोरिया की संस्कृति को बर्बाद करने का आरोप है। हाल ही में देश के भीतर डिजिटल यौन अपराधों के लिए कई सख्त नियम बनाए गए हैं। इनमें स्मार्टफोन, सार्वजनिक जगहों पर जासूसी कैमरे लगाकर अंतरंग तस्वीरें लेने या वीडियो बनाने तथा उनका प्रसार भी शामिल है। चो पर इन सभी मामलों के तहत कार्रवाई की गई।

पांच अन्य साथियों को 7 से 15 साल जेल

पिछले साल मई से इस साल फरवरी तक चो जू-बिन ऑनलाइन चैट रूम का संचालक रहा और इस दौरान उसने 74 लोगों को धमकी दी, जिनमें से 16 नाबालिग शामिल हैं। सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने कहा कि इस युवा संचालक ने पीड़िताओं को बहकाने और धमकाने के लिए अपमानजनक यौन सामग्री वितरित की। चो के अलावा पांच अन्य को आपराधिक रिंग बनाने के आरोप में 7 से 15 साल की जेल सुनाई गई।


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