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सैन्य तख्तापलट के बाद म्यांमार से 40 हजार लोगों ने किया पलायन, लगभग 7 लाख लोग हुए विस्थापित: संयुक्त राष्ट्र

Renuka Sahu
3 Jun 2022 12:58 AM GMT
40 thousand people flee Myanmar after military coup, about 7 lakh people displaced: United Nations
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फाइल फोटो 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने कहा है कि पिछले साल फरवरी में म्यांमार में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद वर्तमान में इस देश के करीब 40,000 लोगों ने पड़ोसी देशों भारत और थाईलैंड में पलायन किया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संयुक्त राष्ट्र महासचिव (UN General Secretary) एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने कहा है कि पिछले साल फरवरी में म्यांमार में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद वर्तमान में इस देश के करीब 40,000 लोगों ने पड़ोसी देशों भारत और थाईलैंड में पलायन किया है.

महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बुधवार को दैनिक प्रेसवार्ता में कहा कि मानवीय सहायता में जुटे संयुक्त राष्ट्र के सहयोगियों के अनुसार, म्यांमार में आंतरिक रूप से विस्थापित पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की संख्या अब 10 लाख के पार चली गई है.
उन्होंने कहा, "इसमें पिछले साल फरवरी में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से जारी संघर्ष और असुरक्षा के कारण विस्थापित हुए लगभग 7,00,000 लोग भी शामिल हैं. इसके अलावा, म्यांमार के लगभग 40,000 लोग वर्तमान में पड़ोसी भारत और थाईलैंड में पलायन कर गए हैं."
बता दें कि साल 2020 के नवंबर में ही इस देश में चुनाव हुए, जिसमें आंग सान सू ची की पार्टी भारी मतों से जीती. उनके खिलाफ सेना के लोग खड़े हुए थे. चुनाव के नतीजों के बाद सैन्य नेता आरोप लगाने लगे कि देश में तो उनकी लोकप्रियता ज्यादा है. ऐसे में भला सू ची की पार्टी कैसे जीत सकती है. चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए सेना 1 फरवरी 2021 को सरकार गिराते हुए जीती हुई पार्टी के सारे नेताओं को जेल में डाल दिया.
म्यांमार में कई कट्टरवादी समूह हैं, जिनसे चीन के अच्छे संबंध हैं. चीन एथनिक समूहों और सेना के जरिए म्यांमार में लोकतंत्र को खत्म कर वापस अपनी कमजोर हो रही पैठ मजबूत करने की फिराक में रहा. इसके लिए वो चरमपंथी समूह अराकान आर्मी से संबंध बनाए हुए है. वो म्यांमार के स्थानीय दल को हथियारों की मदद देता और बदले में म्यांमार और पड़ोसी देशों में अस्थिरता पैदा करता रहा.
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