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तालिबान के अफगानिस्तान में बढ़त लेने का अर्थ ये नहीं है कि वो वहां पर आगे भी बना रहेगा।
अफगानिस्तान में जैसे-जैसे तालिबान की कदम आगे की तरफ बढ़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे ही उसका मुकाबला अफगान सेना से जबरदस्त होता जा रहा है। हाल ही में अफगान वायु सेना के हमले में 40 तालिबानी आतंकी मारे गए हैं। सोमवार को अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी कि तालिबान के लड़ाकों पर अफगान वायु सेना की तरफ से कई जगहों पर हमले किए गए थे।
मंत्रालय के मुताबिक दक्षिण हेलमंड प्रांत के गर्मसेर जिले में वायु सेना ने तालिबान के ठिकानों पर हमला किया जिसमें 14 आतंकी मारे गए जबकि दो अन्य घायल हो गए। मंत्रालया की तरफ से बताया गया है कि घायलों में मवलावी हिजरात भी शामिल है, जो तालिबान सारा केटा और गार्मसेर की रेड यूनिट का डिप्टी कंपाडर है।
इसके अलावा पश्चिमी निमरोज प्रांत के डेलाराम जिले में हुए हवाई हमले में 20 तालिबानी आतंकी मारे गए हैं जबकि 35 अन्य घायल हो गए हैं। यहां पर अफगान वायु सेना ने तालिबान के उन ठिकानों पर हमले किए थे जहां पर ये आतंकी छिपे थे। रक्षा मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि अफगान वायु सेना ने पूर्वी कपीसा प्रांत के टगब जिले में तालिबान के ठिकानों पर हमले किए थे, जिसमें 6 आतंकी मारे गए हैं और करीब पांच अन्य घायल हुए हैं। इन हमलों में तालिबान का काफी मात्रा में गोला बारूद भी नष्ट हुआ है।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज और नाटो फौज की वापसी शुरू हो चुकी है। अगस्त के अंत तक अमेरिका अपनी पूरी फौज को यहां से निकाल लेगा। अमेरिका की वापसी के साथ ही अफगानिस्तान में तालिबान ने हमले भी तेज कर दिए हैं। तालिबानी नेता शाहबुद्दीन के मुताबिक तालिबान ने अफगानिस्तान के 85 फीसद इलाके पर कब्जा कर लिया है। ये बात उन्होंने मास्को में एक प्रेस कांफ्रेंस में कही है। हालांकि अमेरिका ने कहा है कि तालिबान के अफगानिस्तान में बढ़त लेने का अर्थ ये नहीं है कि वो वहां पर आगे भी बना रहेगा।
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