यूक्रेन। रूस के बमबारी के कारण यूक्रेन भर में 40 लाख लोग बिजली कटौती से प्रभावित हुए हैं. यह जानकारी AFP ने राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के हवाले से बताया है. बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन में जैविक हथियारों की मौजूदगी के आरोप लगाने के बाद अमेरिका और उसके सहयोगी पश्चिमी देशों ने उन्हें खारिज कर दिया है। यूक्रेन में जैविक हथियारों को लेकर दोनों पक्ष संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की यूक्रेन संबंधी तीसरी बैठक में भी भिड़ गए।
रूस का कहना है कि यूक्रेन में अमेरिकी समर्थन से जैविक हथियार गतिविधियां संचालित हो रही हैं, जबकि पश्चिमी देशों ने इन आरोपों को गलत सूचना और मनगढ़ंत कहकर नकार दिया। इस बीच, पुतिन ने वल्दाई डिस्कशन क्लब की वार्षिक बैठक में कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से दुनिया खतरनाक दौर में है।
रूसी राष्ट्रपति ने दुनिया के सबसे खतरनाक दशक में होने के पीछे रूस-यूक्रेन युद्ध को नहीं बल्कि पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया। पुतिन ने कहा, अमेरिका व उसके सहयोगियों के वैश्विक प्रभुत्व का पतन हो रहा है और इसे रोकने के लिए सभी देश हाथापाई कर ''खूनी खेल'' खेल रहे हैं, जिससे अराजकता पैदा हो रही है। उन्होंने यूक्रेन में संघर्ष भड़काने के लिए अमेरिका को जिम्मेदार माना।
उन्होंने कहा, मौजूदा टकराव के बावजूद रूस, पश्चिम को अपना शत्रु नहीं मानता है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में रूसी राजदूत वसीली नेबेंजिया ने कहा, हम अपने इन आरोपों की संयुक्त राष्ट्र से जांच कराने को तैयार है कि यूक्रेन जैविक हथियारों के उपयोग पर पाबंदी लगाने वाले समझौते का उल्लंघन कर रहा है।
जबकि अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने इस बैठक को समय की भारी बर्बादी बताते हुए रूसी आरोपों को मनगढ़ंत बताया। उन्होंने रूसी दावे को दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा बताया, ताकि उसके अत्याचारों से ध्यान भटकाकर अवैध युद्ध को वैध ठहराया जा सके। रूसी दावा 310 पेजों के दस्तावेज पर केंद्रित है, जिसे रूस ने परिषद के सदस्यों को बांटा है।