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नाव पलटने से 34 लोगों की मौत, मृतकों में सभी प्रवासी

Nilmani Pal
23 Sep 2022 2:09 AM GMT
नाव पलटने से 34 लोगों की मौत, मृतकों में सभी प्रवासी
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लेबनान से प्रवासियों को ले जा रही एक नाव सीरिया के तट पर डूब गई. इस हादसे में 34 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 14 लोगों को बचा लिया गया है. सीरिया के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें तटीय शहर टार्टस में 34 बॉडी मिली हैं. सीरियाई परिवहन मंत्रालय ने बताया कि घायलों से पूछताछ में पता चला है कि प्रवासियों को लेकर एक नाव मंगलवार को लेबनान के उत्तरी मिनेह क्षेत्र से 120 से 150 लोगों के बीच रवाना हुई थी.

समाचार एजेंसी Reuters के मुताबिक सीरिया के पोर्ट के महानिदेशक समीर कुब्रुसली ने बताया कि अधिकारियों को गुरुवार शाम तक 34 शव मिले हैं. जबकि 14 लोगों को बचाया गया है. इसके साथ ही अधिकारी इस बात का अनुमान लगा रहे हैं कि नाव में सवार सभी लोग उत्तरी लेबनान से पलायन कर रहे थे.

उधर, लेबनान के परिवहन मंत्री अली हमी ने कहा कि उन्हें सीरिया के परिवहन मंत्री ज़ुहैर खुज़ैम ने जानकारी दी थी कि 33 शव बरामद किए गए हैं और 16 लोगों को बचाया गया है. बोट पर लेबनान के अलावा सीरिया और फिलिस्तीन के शरणार्थी भी शामिल हैं. सीरियाई परिवहन मंत्रालय की ओर से एक बयान में कहा गया है कि के बयान में कहा गया है कि टार्टस के तट पर अरवाड़ के छोटे से बंदरगाह के निदेशक ने शाम 4:30 बजे इस हादसे की जानकारी दी. इसके बाद मंत्रालय ने मौके पर शिप भेजा. बताया जा रहा है सबसे पहले एक बच्चे का शव दिखाई दिया. इसके बाद एक के बाद एक शव मिलने शुरू हो गए. मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि अधिकांश बॉडी अरवाड़ के पास मिली हैं.

इससे पहले अप्रैल में इसी तरह का बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें करीब 80 लेबनानी, सीरियाई और फिलिस्तीनी प्रवासी सवार थे, इसमें 40 लोगों को बचा लिया गया था. जबकि 7 लोगों की मौत की पुष्टि की गई थी. करीब 30 लोग अभी तक लापता हैं. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने हाल ही में रिपोर्ट की थी कि 2020 से 2021 में समुद्र के रास्ते लेबनान छोड़ने वालों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. यह पिछले वर्ष की तुलना में 70% से अधिक बढ़ गई है. दरअसल, लेबनान छोड़ने की बड़ी वजह देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति है. इसके चलते लोग वहां रहने और आजीविक चलाने में असमर्थ हैं. इतना ही नहीं, लेबनान में बुनियादी सुविधाओं की भी कमी हो गई है. साथ ही रोजगार के अवसर भी बेहद सीमित हो गए हैं.


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