नैन्सी पेलोसी की वापसी के चंद घंटे बाद ताइवान में चीनी लड़ाकू विमानों ने घुसपैठ की है। चीन के 27 लड़ाकू विमानों ने एक साथ ताइवानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया है। ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इनमें 16 रूस में बने सुखोई एसयू-30 लड़ाकू विमान थे। घुसपैठ की खबरें मिलते ही ताइवानी वायु सेना सतर्क हो गई। चीनी विमानों को खदेड़ने के लिए ताइवान ने भी अपने फाइटर जेट्स को तुरंत रवाना किया। ताइवान ने अपनी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी एक्टिवेट कर दिया। नैन्सी पेलोसी की ताइपे की यात्रा के बाद चीन ने बुधवार को कहा कि वह एक-चीन नीति का उल्लंघन करने को लेकर अमेरिका और ताइवान के खिलाफ कठोर एवं प्रभावी जवाबी कदम उठाएगा।
ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि घुसपैठ करने वाले चीनी विमानों में 6 जे-11 लड़ाकू विमान, 5 जे-16 लड़ाकू विमान और 16 सुखोई एसयू-30 लड़ाकू विमान थे। चीन के ये विमान अलग-अलग दिशाओं से ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की। इन विमानों के जवाब में ताइवान ने अपने एफ-16 लड़ाकू विमानों को तुरंत एयरबॉर्न कर दिया। पहले से भी ताइवान के कई लड़ाकू विमान हवा में मौजूद थे। रेडियो पर धमकी दिए जाने और ताइवानी लड़ाकू विमानों को आता देख चीन के विमान अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में भाग गए।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "हम वही करेंगे जो हमने कहा है। कृपया थोड़ा धैर्य रखें। चुनयिंग चीन की सहायक विदेश मंत्री भी हैं। ह पूछे जाने पर कि क्या चीन अमेरिकी नेता पेलोसी के साथ-साथ राष्ट्रपति त्साई इंग वेन जैसे ताइवानी नेताओं के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है, चुनयिंग ने कहा, "हम वही करेंगे जो हमने कहा है। ये उपाय कठोर, प्रभावी और दृढ़ होंगे।