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साल 2005 में मीर फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर भारत आया था।
एफएटीएफ की ओर से आतंकी फंडिंग को लेकर पाकिस्तान पर बनाया जा रहा दबाव अब रंग लाने लगा है। संभवत: यही वजह है कि पाकिस्तान की एक आतंकरोधी अदालत ने 2008 के मुंबई हमले के एक हैंडलर को आतंकी फंडिंग के मामले में 15 साल से अधिक जेल की सजा सुनाई है। लश्कर और जमात-उद-दावा से जुड़े आतंकी फंडिंग के केस देखने वाले एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी साजिद मजीद मीर को 15 साल से अधिक जेल की सजा सुनाई गई है।
कोई अधिसूचना जारी नहीं की
हालांकि, पंजाब पुलिस के आतंकरोधी विभाग ने मीर की सजा को लेकर कोई अधिसूचना जारी नहीं की है। आतंकरोधी विभाग ही ज्यादातर मामलों में दोषियों को सजा मिलने की जानकारी मीडिया को देता है। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस मामले की सुनवाई जेल में बंद कमरे में हुई और वहां मीडिया को जाने की इजाजत नहीं थी। वकील ने बताया कि इस साल अप्रैल में गिरफ्तार किए जाने के बाद से मीर कोट लखपत जेल में बंद है। इससे पहले माना जा रहा था कि उसकी मौत हो चुकी है।
FATF को जानकारी दी
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की आखिरी बैठक से पहले, पाकिस्तान ने कथित तौर पर FATF को बताया कि उसने साजिद मीर को गिरफ्तार करके उस पर मुकदमा चला दिया है। पाकिस्तान की इस कार्रवाई को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से निकलने की छटपटाहट का नतीजा माना जा रहा है। वकील ने बताया कि मीर को इस अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद से वह कोट लखपत जेल में कैद है। अदालत ने आतंकी मीर पर चार लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया है।
मृत माना जा रहा था यह आतंकी
अब तक पाकिस्तान साल 2008 के मुंबई आतंकी हमले के गुनहगारों को सजा दिलाने में आनाकानी करता रहा है। यही नहीं वह आतंकियों पर कार्रवाई के नाम पर दिखावा करके दुनिया की आंखों में धूल झोंकता रहा है। पहले यह माना जाता था कि आतंकी मीर (Sajid Majeed Mir) मर चुका है। रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान 26/11 मुंबई हमले के इस गुनहगार की मौजूदगी से मुकरता रहा है। सनद रहे पाकिस्तान अभी भी कहता है कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर लापता है।
50 लाख अमेरिकी डालर का है इनाम
अब मुंबई हमले के 13 साल से भी ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद पाकिस्तान का परोक्ष रूप से यह हैरान कर रहा है। आतंकी साजिद मीर मुंबई हमले के गुनहगार डेविड कोलमैन हेडली का हैंडलर माना जाता है। आतंकी साजिद मीर पर 50 लाख अमेरिकी डालर का इनाम है। वह 26/11 के मुंबई हमलों में भारत की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है। साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे। मीर को मुंबई हमलों का 'प्रोजेक्ट मैनेजर' माना जाता है। साल 2005 में मीर फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर भारत आया था।
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