रक्षा मंत्रालय ने बोला कि 10 चीनी वायु सेना के विमानों ने “लड़ाकू तैयारी” गश्त में लगे पांच चीनी युद्धपोतों के साथ द्वीप के वायु रक्षा क्षेत्र में प्रवेश किया। मंत्रालय ने बोला कि सुबह 9 बजे (स्थानीय समय) के आसपास, उसने समुद्र में ऑपरेशन में लगे कुल 25 चीनी विमानों का पता लगाया, जिनमें जे-10 और जे-16 लड़ाकू विमानों के साथ-साथ एच-6 बमवर्षक भी शामिल थे।
ताइवान ने गुरुवार को बोला कि उसने द्वीप के पास 33 चीनी वायु सेना के विमान और छह नौसैनिक युद्धपोत देखे हैं, जो 24 घंटे से भी कम समय में इस तरह की दूसरी और एक हफ्ते में कुल मिलाकर तीसरी घुसपैठ है। ताइवान, जिस पर चीन अपना क्षेत्र होने का दावा करता है, ने पिछले तीन सालों में इसके पास बार-बार चीनी सेना गतिविधि की कम्पलेन की है, क्योंकि बीजिंग ने द्वीप पर अपनी संप्रभुता स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने के लिए दबाव बढ़ा दिया है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय एक्स (पूर्व में ट्विटर) के अनुसार, हवाई जहाज और नौसैनिक जहाजों का पता सुबह 6 बजे (स्थानीय समय) के आसपास चला।
मंत्रालय ने बोला कि उन विमानों में से 10 ने या तो ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार कर लिया था, जो पहले दोनों पक्षों के बीच एक अनौपचारिक बाधा के रूप में काम करती थी, या ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र या एडीआईजेड के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में प्रवेश कर गई थी। मंत्रालय ने कहा, ताइवान के सशस्त्र बलों ने स्थिति पर नजर रखी है और अपने विमानों, नौसेना के जहाजों और भूमि-आधारित मिसाइल प्रणालियों को इन गतिविधियों का उत्तर देने का काम सौंपा है। द्वीप के पास चीनी युद्धक विमानों और युद्धपोतों की यह दूसरी घुसपैठ है।
रक्षा मंत्रालय ने बोला कि 10 चीनी वायु सेना के विमानों ने “लड़ाकू तैयारी” गश्त में लगे पांच चीनी युद्धपोतों के साथ द्वीप के वायु रक्षा क्षेत्र में प्रवेश किया। मंत्रालय ने बोला कि सुबह 9 बजे (स्थानीय समय) के आसपास, उसने समुद्र में ऑपरेशन में लगे कुल 25 चीनी विमानों का पता लगाया, जिनमें जे-10 और जे-16 लड़ाकू विमानों के साथ-साथ एच-6 बमवर्षक भी शामिल थे। 6 अगस्त को ताइवान ने द्वीप के पास चीनी युद्धक विमानों और युद्धपोतों द्वारा समान स्तर की गतिविधि की सूचना दी। राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के अमेरिका की यात्रा से स्वदेश लौटने के बाद चीन ने अप्रैल में ताइवान के आसपास युद्ध खेल आयोजित किए, जहां उन्होंने हाउस स्पीकर केविन मैक्कार्थी से मुलाकात की। ताइवान की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई गवर्नमेंट चीन के संप्रभुता के दावे को खारिज करती है और कहती है कि सिर्फ़ द्वीप के लोग ही अपना भविष्य तय कर सकते हैं।