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चीन में कोरोना संक्रमण के हालात से बीजिंग के सबसे बड़े श्मशान में 24 घंटे अंतिम संस्कार

Admin4
21 Dec 2022 3:01 PM GMT
चीन में कोरोना संक्रमण के हालात से बीजिंग के सबसे बड़े श्मशान में 24 घंटे अंतिम संस्कार
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बीजिंग ।चीन में कोरोना संक्रमण के हालात साल 2020 की याद दिला रहे हैं। स्थिति इतनी खराब है कि यहां अस्पतालों के सभी बेड भरे हैं। मेडिकल स्टोर्स में दवाएं खत्म हो रही हैं। मरीज इलाज के लिए डॉक्टर के सामने गिड़गिड़ाते देखे जा सकते हैं। बीजिंग के सबसे बड़े श्मशान में 24 घंटे अंतिम संस्कार हो रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी वजह चीन में फैल रहा नया वैरिएंट हो सकता है। इसका नाम BA.5.2.1.7, है। साइंटिस्ट्स इसे BF.7 भी कह रहे हैं। चीन में जीरो-कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद अचानक से बढ़े मामलों की वजह यही बताई जा रही है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह ओमिक्रॉन का सबसे खतरनाक म्यूटेशन है। दुनिया में कोरोना के बढ़ते मामले फिर डराने लगे हैं। इसे देखते हुए भारत में भी केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया बुधवार को देश में COVID-19 की स्थिति पर वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे। उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि कोरोना के सभी पॉजिटिव केस के सैम्पल्स जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजें, ताकि कोरोना के वैरिएंट का पता लगाया जा सके।हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन में फैल रहा BF.7 ओमिक्रॉन का सबसे शक्तिशाली वैरिएंट है। यह पहले संक्रमित हो चुके लोगों, फुली वैक्सीनेटेड लोगों या दोनों को ही बीमार बना रहा है। ये जल्दी ट्रांसफर होता है और लक्षण भी पुराने कोरोना वैरिएंट्स के मुकाबले जल्दी सामने आ जाते हैं।
BF.7 का रिप्रोडक्शन नंबर (RO) 10-18.6 है। इसका मतलब कि इससे संक्रमित होने वाला एक मरीज औसतन 10 से 18.6 लोगों को एक बार में इन्फेक्ट करने में सक्षम है। आमतौर पर ओमिक्रॉन वैरिएंट का औसतन RO 5.08 पाया गया है। शायद यही वजह है कि चीन में कोरोना केसेस दिनों में नहीं, बल्कि घंटों में दोगुने हो रहे हैं। BF.7 के लक्षणों में सर्दी-, खांसी, बुखार, गले में खराश, हरारत, उल्टी और डायरिया शामिल हैं। कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों के लिए यह घातक साबित हो सकता है। चूंकि चीन में सख्त प्रतिबंधों का पालन किया जा रहा था, इसलिए लोगों में वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी मजबूत हो ही नहीं पाई।
अमेरिकी साइंटिस्ट और महामारी विशेषज्ञ एरिक फेगल-डिंग ने कोरोना पर बड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि 90 दिन में चीन की 60% आबादी और दुनिया के 10% लोग कोरोना से संक्रमित होंगे। करीब 10 लाख मौतों की आशंका है। वहीं अमेरिका के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवेलुएशन (IHMI) ने अनुमान लगाया है कि चीन में अप्रैल की शुरुआत में कोरोना मामलों का पीक आएगा। उस समय तक मौतों की संख्या 3 लाख 22 हजार तक पहुंचने की आशंका है। महामारी विशेषज्ञ वू जुनयू की मानें तो अभी चीन में संभावित तीन लहरों में से पहली लहर चल रही है। इसके बाद दूसरी लहर जनवरी माह के बीच आएगी। इस वक्त देश में एक हफ्ते का लूनर ईयर सेलिब्रेशन चलता है, जिससे लाखों लोग देश में आते-जाते हैं। ऐसे में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है।
तीसरी लहर फरवरी के आखिर से मार्च के बीच आ सकती है। इस समय सभी लोग अपनी छुट्टियां मानकर वापस लौटते हैं। ऐसे में ज्यादा लोग इन्फेक्शन रिपोर्ट कर सकते हैं।हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में प्रोफेसर और इंटरनेशनल हेल्थ एडवाइजर डॉ. रामशंकर उपाध्याय ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि चीन में अब तक वैक्सीनेशन 38% ही हुआ है। 65 की उम्र से अधिक के लोगों में ये 10% ही है। जीरो कोविड पॉलिसी के कारण लोगों में कोरोना से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम भी डेवलप नहीं हो पाया। ऐसे में अब लोगों के एक साथ बाहर निकलने के कारण वहां कोरोना विस्फोट तो होना ही था। हालांकि चीन का दावा है कि उसकी 90% आबादी फुली वैक्सीनेटेड है।
चीन के हालात देखते हुए केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया बुधवार को देश में COVID-19 की स्थिति पर वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे। उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि कोरोना के सभी पॉजिटिव केस के सैम्पल्स जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजें, ताकि कोरोना के वैरिएंट का पता लगाया जा सके। उधर, सोमवार को यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के स्पोक्सपर्सन नेड प्राइस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि चीन में कोरोना के बढ़ते केसेस के पीछे नया म्यूटेशन है। उन्हें आशंका है कि चीन सरकार कोरोना मामलों और मौतों की सही संख्या नहीं बता रही है। यह पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात हो सकती है। क्या भारत को भी खतरा है। इस सवाल पर डॉ. उपाध्याय ने बताया कि भारत जैसे देश को खतरा नहीं है, क्योंकि हमारे देश में वैक्सीनेशन के 3 राउंड हो चुके हैं। लोगों में इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है। कोरोना तो भारत में भी हर जगह होगा, लेकिन वह अब हम पर इसीलिए असर नहीं कर रहा। अब कोरोना का भारत में खतरा नहीं है।
चीन में पिछले महीने लोग जीरो-कोविड पॉलिसी के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे। बीजिंग से शुरू हुए ये प्रदर्शन 13 से ज्यादा शहरों में फैल गए थे। पुलिस इन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज से लेकर लोगों को गिरफ्तार तक कर रही थी। हफ्तों से जारी प्रदर्शन के बाद सरकार ने दो हफ्ते पहले कोविड प्रतिबंधों को कम करने का फैसला लिया था। ऐसे में लोगों को डर था कि संक्रमण और तेजी से फैलेगा। इसके चलते वे बड़ी संख्या में दवाएं खरीदकर घर में रख रहे थे। इनमें से ज्यादातर लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी।
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