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रशिया | रशिया की एक लड़की कर्वी फिगर की चाहत में अपनी जान गवा बैठी। मामला है बुटॉक्स एनलार्जमेंट का जिसमें हिप्स का साइज बढ़ाने के लिए सिलिकॉन इंजेक्शंस लगाए जाते हैं। इस लड़की का नाम मिका शबासोवा है, जिसकी उम्र केवल 22 थी। मिका ने यह सर्जरी एक ऐसी ब्यूटीशियन से करवाई जिसने केवल 2 हफ्ते का कोर्स किया था। पुलिस ने बाद में पाया कि उसके पास सर्जरी का लाइसेंस भी नहीं था।
ब्यूटीशियन ने पुलिस को बताया कि उसने पीड़िता को लिडोकेन से एनेस्थेटाइज कर के बार-बार बेहोश किया था। उसने शबासोवा से पूछा था कि क्या उन्हें कोई एलर्जी है। सर्जरी के तुरंत बाद 10 मिनट में ही मिका की मृत्यु हो गई।
अमेरिकन सोसाइटी ऑफ प्लास्टिक सर्जन के अनुसार साल 2000 और 2020 तक बोटॉक्स सर्जरी की डिमांड 252 प्रतिशत तक बढ़ी है। वो लोग जिन्हें अपने हिप्स बड़े और भारी चाहिए होते हैं, वह यह सर्जरी करवाते हैं। इसमें फैट को बट एरिया में भरा जाता है। इसे ग्लूटियल ऑग्मेंटेशन के नाम से भी जाना जाता है
इस सर्जरी में सिलिकॉन का इस्तेमाल कर के बट में चीरा लगाकर इसे भरा जाता है। वैसे तो यह घातक नहीं है, लेकिन इसके अपने कुछ जोखिम भी हो सकते हैं। सर्जरी के बाद भारी ब्लीडिंग होती है, दर्द भी होता है, स्किन झुलस जाती है और उसका रंग बदल जाता है, इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, एलर्जी,
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