2 ब्लैक होल्स टकराने की कगार पर, अंतरिक्ष का समय चक्र बदलने की आशंका
अंतरिक्ष में दो विशालकाय शैतान ब्लैक होल्स (Black Holes) टकराने की कगार पर हैं. इनकी टक्कर से अंतरिक्ष का समय चक्र बदलने की आशंका है. इन ब्लैक होल्स को नाम दिया गया है PKS 2131-021. यह धरती से करीब 900 करोड़ प्रकाशवर्ष दूर हैं. ये दोनों ब्लैक होल्स धीरे-धीरे एकदूसरे की तरफ खिसकते जा रहे हैं.
NASA के बयान के मुताबिक ये दोनों लगातार पिछले 10 करोड़ सालों से एकदूसरे की तरफ बढ़ते आ रहे हैं. अब ये दोनों एक बाइनरी ऑर्बिट में आ चुके हैं. दोनों ब्लैक होल्स एकदूसरे के चारों तरफ हर दो साल में एक चक्कर लगाते हैं. इनकी टकराहट अब से करीब 10 हजार साल के अंदर हो जाएगी. इन्हें लेकर एक स्टडी हाल ही में द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित हुई है.
10 हजार साल के बाद दोनों ब्लैक होल्स आपस में मिल जाएंगे. इनकी टक्कर की वजह से जो गुरुत्वाकर्षण की लहरें निकलेंगी. वो स्पेस टाइम (Space Time) को हिला देंगी. स्पेस टाइम की भविष्यवाणी सबसे पहले महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने की थी. मजेदार बात ये है कि हमारी इंसानियत का कोई ऐसा व्यक्ति नहीं होगा जो इस नजारे को देखेगा.
PKS 2131-021 की स्टडी से एक फायदा ये होगा कि ये दो ब्लैक होल्स की टक्कर से पहले की सारी घटनाओं की डिटेल वैज्ञानिकों को जमा करने में मदद करेगा. सुपरमैसिव ब्लैक होल्स (Supermassive Black Holes) यानी बेहद गहरे, घने और हमारे सूरज से करोड़ों गुना ज्यादा ताकतवर और बड़े होते हैं. ये आमतौर पर सभी आकाशगंगाओं के मध्य में पाए जाते हैं.
अंतरिक्ष विज्ञानियों को यह नहीं पता है कि ये वस्तु इतनी बड़ी कैसे हो जाती है. लेकिन एक अंदाजा ये है कि जब कई छोटे ब्लैक होल्स मिलते हैं, तो ये धीरे-धीरे करके बड़े होते जाते हैं. अगर PKS 2131-021 की स्टडी चलती रही तो यह पता चल जाएगा कि क्या ये अंदाजा सही है. PKS 2131-021 एक खास प्रकार का ब्लैक होल है. इसे ब्लाजार (Blazar) कहते हैं. यानी एक ऐसा ब्लैक होल है जो अत्यधिक आवेषित कणों की एक लहर यानी जेट सीधे धरती की ओर फेंक रहा है. इस जेट के पदार्थों का निर्माण गर्म गैस के बीच से होता है. जब ताकतवर गुरुत्वाकर्षण शक्ति की वजह से ये गैस अंतरिक्ष में बाहर निकलती है तो यह जेट का रूप बना लेती है. यानी गर्म प्लाज्मा की एक पतली किरण प्रकाश की गति से अंतरिक्ष में तैरती है.
इसकी स्टडी करने वाले वैज्ञानिकों के अंतरिक्ष में करीब 1800 से ज्यादा ब्लाजार की खोज की है. ब्लाजार PKS 2131-021 की चमक बीच-बीच में कम-ज्यादा होती रहती है. चमक का इस तरह से कम-ज्यादा होना एक खतरनाक अंदेशा है. यह अंतर इसलिए आ रहा है क्योंकि दूसरा ब्लैक होल इसके चारों तरफ घूम रहा है और अपनी गुरुत्वाकर्षण शक्ति से इसके जेट को प्रभावित कर रहा है. वैज्ञानिकों ने इन दोनों ब्लैक होल्स की स्टडी के लिए पांच ऑब्जरवेटरी से जुटाए गए 45 साल के डेटा का एनालिसिस किया है. वैज्ञानिकों ने बताया कि PKS 2131-021 अंतरिक्ष में खोजा गया दूसरा बाइनरी ब्लैक होल्स का जोड़ा है. इससे पहले साल 2020 में ऐसे ही ब्लैक होल्स की खोज की गई थी, जो धरती से करीब 350 करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी पर हैं. ये दोनों ब्लैक होल्स एकदूसरे का एक चक्कर 9 साल के अंतर में लगाते हैं.
वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया कि ये दोनों ब्लैक होल्स बेहद बड़े, बेहद ताकतवर और एकदूसरे के इतने करीब आ चुके हैं कि इनकी टक्कर से अंतरिक्ष का समय बदलेगा. इनकी टक्कर को टाला नहीं जा सकता. इनसे निकलने वाली गुरुत्वाकर्षण तरंगों को पकड़कर अंतरिक्ष के समय में आने वाले बदलाव की गणना की जाएगी.
2 monster black holes are headed toward a collision that will rock the fabric of space-time https://t.co/irXObRUQlO
— Live Science (@LiveScience) March 1, 2022