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लीबिया के निकट प्रवासियों की नौका पलटने से सवार 17 लोगों की मौत

Neha Dani
24 Aug 2021 6:47 AM GMT
लीबिया के निकट प्रवासियों की नौका पलटने से सवार 17 लोगों की मौत
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इन सब के बाद भी बड़ी संख्या में प्रवासी बेहतर जिंदगी की तलाश में यूरोप का रुख करने के लिए लीबिया पहुंचते हैं.

लीबिया (Libya) के निकट प्रवासियों की एक नौका पलटने (Boat Capsized) से उसमें सवार 17 लोगों की मौत की आशंका है. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में प्रवासी मामलों की एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. यूरोप (Europe) में बेहतर जिंदगी की तलाश में जाने वाले प्रवासियों (Migrants) के साथ भूमध्यसागर (Mediterranean Sea) में हुई ये नवीनतम दुर्घटना है. 'इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन' की प्रवक्ता सफा मसेहली (Safa Msehli) ने सोमवार को बताया कि यह हादसा पश्चिमी शहर जुवारा (Zuwara) में रविवार रात हुआ.

सफा मसेहली ने कहा, रबर की एक नौका में 70 प्रवासी सवार थे और लीबिया तटरक्षकों (Libyan coast guard) ने मिस्र (Egypt) के 51 लोगों का बचा लिया है. एक शव बरामद हुआ है और अन्य 16 लोग लापता है, जिनके डूबने की आशंका है. लीबिया में पिछले महीने भी दो नौका हादसे हुए थे, जिनमें करीब 80 प्रवासियों के मारे जाने की आशंका है. वहीं, इस साल 22 अप्रैल को सबसे भयावह नौका दुर्घटना हुई थी, जिसमें 130 लोग डूब गए थे. हाल के महीनों में लीबिया से यूरोप जाने वाले प्रवासियों द्वारा क्रॉसिंग और समुद्र को पार करने के मामलों में इजाफा होते हुए देखा गया.
अफ्रीका और मध्यपूर्व से भागने वाले लोगों का ट्रांजिट प्वाइंट बना लीबिया
एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) ने कहा है कि इस साल के पहले छह महीनों में समुद्र में 7,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. इन लोगों को लीबिया में डिटेंशन कैंप में भेजा गया है. इस साल अब तक का सबसे बड़ा नाव हादसा 22 अप्रैल को हुआ था, जब 130 लोग डूब गए थे. इस जहाज ने डूबने से पहले मदद के लिए कई कॉल भी लगाए थे. लीबिया हाल के वर्षों में अफ्रीका (Africa) और मध्यपूर्व (Middle East) में युद्ध और गरीबी से भाग रहे प्रवासियों के लिए प्रमुख ट्रांसिज प्वाइंट के रूप में उभरा है. तेल समृद्ध लीबिया पर नाटो ने 2011 में चढाई की और तानाशाह मोअम्मर गद्दाफी को मार गिराया. इसके बाद से यहां अराजकता फैली हुई है.
डिटेंशन सेंटर होता है दुर्व्यवहार
प्रवासियों और शरणार्थियों के साथ काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के अधिकार समूहों और अधिकारियों ने लीबिया में डिटेंशन सेंटरों में होने वाले दुर्व्यवहारों के बारे में जानकारी दी है. इसमें जबरन मजदूरी, मारपीट, दुष्कर्म और प्रताड़ना के आरोप शामिल हैं. अक्सर परिवारों से पैसों की उगाही भी जाती है, ताकि उनके प्रियजनों को नावों के जरिए लीबिया छोड़ने की इजाजत दी जा सके. वहीं, इन सब के बाद भी बड़ी संख्या में प्रवासी बेहतर जिंदगी की तलाश में यूरोप का रुख करने के लिए लीबिया पहुंचते हैं.

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