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चपरासी के एक पद के लिए 15 लाख लोगों ने किया आवेदन, पर इमरान सरकार रोजगार देने में असफल साबित हुए

Neha Dani
28 Sep 2021 1:57 AM GMT
चपरासी के एक पद के लिए 15 लाख लोगों ने किया आवेदन, पर इमरान सरकार रोजगार देने में असफल साबित हुए
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अधिकारियों ने कहा कि नौकरी के लिए आवेदन करने वालों में एमफिल डिग्री धारक भी शामिल रहे।

पाकिस्तान में बेरोजगारी दर सबसे उच्चतम स्तर पर है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चपरासी के एक पद के लिए 15 लाख लोगों ने आवेदन किया है।

इमरान खान सरकार लोगों को रोजगार देने में असफल साबित हुई है। सोमवार को पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स (पीआईडीई) के आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में बेरोजगारी दर 16 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार के 6.5 प्रतिशत के दावे के उलट है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीआईडीई ने बेरोजगारी की बढ़ती दर की एक गंभीर तस्वीर को उजागर किया है और कहा है कि देश में इस समय कम से कम 24 फीसदी शिक्षित लोग बेरोजगार हैं। योजना और विकास पर सीनेट की स्थायी समिति को अपनी ब्रीफिंग में पीआईडीई ने कहा कि देश भर में 40 फीसद शिक्षित महिलाएं (स्नातक से कम या स्नातक) भी बेरोजगार थीं।
रिपोर्ट के मुताबिक उच्च न्यायालय में एक चपरासी के पद के लिए कम से कम 15 लाख लोगों ने आवेदन किया था। अधिकारियों ने कहा कि नौकरी के लिए आवेदन करने वालों में एमफिल डिग्री धारक भी शामिल रहे।
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