विश्व
बांग्लादेश में रोहिंग्या शिविर में आग लगने से 15 की मौत, 400 से ज्यादा लापता
Rounak Dey
24 March 2021 1:51 AM GMT
x
उसका कहना है कि आग की वजह से दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी कैंप में भारी नुकसान हुआ है.
बांग्लादेश के कॉक्स बाजार जिले में स्थित रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए बने कैंप में लगी भीषण आग में 15 लोगों की मौत हो गई है. हालांकि सरकार की ओर से 11 शरणार्थियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. मगर संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि 15 लोग मारे गए हैं. जबकि करीब 400 लोग अभी भी लापता हैं. सोमवार को रोहिंग्या मुसलमानों के तीन शरणार्थी कैंपों में आग लग गई थी.
कॉक्स बाजार जिले में म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमानों के लिए शरणार्थी कैंप बनाए गए थे. यहां 45 हजार से भी ज्यादा रोहिंग्या रहते हैं. बांग्लादेश आपदा प्रबंधन मंत्रालय के सचिव मोहम्मद मोहसिन ने भीषण आग में लोगों की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, 'आग की वजह से 11 लोग मारे गए हैं. भीषण आग में तीन रोहिंग्या कैंप जलकर खाक हो गए हैं.' हालांकि सरकार की ओर से 11 लोगों के मारे जाने की जानकारी मिली है. मगर संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इस हादसे में 15 लोग मारे गए हैं और 400 से ज्यादा लोग लापता हैं.
45 हजार लोग हुए बेघर
बांग्लादेशी अधिकारी ने बताया कि करीब 45 हजार लोग बेघर हो गए हैं. आग की वजह से 9300 कैंप जलकर खाक हो गए. आपदा प्रबंधन मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने बताया, 'सरकार ने मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय जांच समिति गठित की है. यह समिति अगले तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी.' हालांकि उन्होंने इस बात की कोई जानकारी नहीं दी कि कितने लोग लापता हैं. मगर संयुक्त राष्ट्र रिफ्यूजी एजेंसी (UNHCR) ने 400 रोहिंग्या मुसलमानों के लापता होने की आशंका जताई है. एजेंसी को आशंका है कि कहीं वो मलबे में न दबें हों.
अस्पताल और पुलिस कैंप भी जलकर खाक
बांग्लादेश के शरणार्थी राहत और प्रत्यावर्तन आयुक्त शाह रिजवान हयात ने कहा कि आग की वजह से दान से चल रहे तीन अस्पताल और एक पुलिस चौकी भी जलकर खाक हो गई है. बांग्लादेश की ओर से आधिकारिक बयान UNHCR की रिपोर्ट के बाद आया है. UNHCR ने 15 लोगों के मरने की बात कही है.
साजिश की भी हो रही जांच
सरकार की ओर से हालांकि अभी जांच जारी है, लेकिन अधिकारी और पुलिस मान रही है कि यह किसी की साजिश भी हो सकती है. संयुक्त राष्ट्र के समर्थन वाली अन्य संस्था इंटरनेशनल माइग्रेशन ऑर्गेनाइजेशन (IOM) भी इस क्षेत्र में काम कर रही है. उसका कहना है कि आग की वजह से दुनिया के सबसे बड़े शरणार्थी कैंप में भारी नुकसान हुआ है.
Next Story