ईरानी अधिकारियों ने सोमवार छह जून को तड़के जाहेदान स्थित दुजाप केंद्रीय जेल में एक बलोच महिला समेत 12 अन्य कैदियों को सामूहिक रूप से फांसी दी। यह मामला नॉर्वे स्थित ईरान मानवाधिकार समूह ने उजागर किया। इन पर हत्या और नशीली दवाओं से संबंधित आरोप थे।
ईरानी न्यायपालिका द्वारा मृत्युदंड के आदेश जारी होने के बाद सभी कैदियों को शनिवार चार जून को एक साथ कारावास में भेज दिया गया था। इन सभी को पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से सटे सिस्तान-बलोचिस्तान प्रांत में फांसी दी गई। इस कदम की पुष्टि घरेलू मीडिया अथवा ईरानी अफसरों ने नहीं की है। नार्वे स्थित ईरान मानवाधिकार समूह ने बताया कि ये सभी बलोच थे और सुन्नी समुदाय से ताल्लुक रखते थे। इन 12 कैदियों में से 6 को नशा तस्करी के आरोप में फांसी दी गई जबकि छह अन्य को हत्या करने के मामले में फांसी पर लटकाया गया।
महिला ने की थी पति की हत्या
ईरान में जिस महिला को फांसी दी गई उसका सरनेम गारगिज बताया जा रहा है और उसे 2019 में अपने पति की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि अभी यह पता नहीं चला है कि महिला ने किन परिस्थितियों में अपने पति की हत्या की थी।
कई बलोचों को मिली फांसी
बलोच एक्टिविस्ट्स अभियान की 2021 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम 79 बलोच नागरिकों को इस्लामिक गणराज्य की जेलों में फांसी दी जा चुकी है। इनमें से 50 की पुष्टि हुई है। ताजा मामला सोमवार का है जिसमें 12 कैदियों को फांसी पर लटकाया गया।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को चिंता
मानवाधिकार कार्यकर्ता लंबे समय से ईरान में फांसी की सजा पर चिंता जताते रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि ईरान असंगत रूप से जातीय व धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहा है। इसमें खासतौर पर कुर्द, बलोच और अरब शामिल हैं।
म्यांमार : सैन्य शासन ने लिया मौत की सजा लागू करने का संकल्प
मानवाधिकार निगरानी समूह (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि म्यांमार की सैन्य सरकार ने देश में मौत की सजा लागू करने का संकल्प लिया है। उसने तीन जून को घोषणा की कि वह उन चार लोगों को फांसी देगी जिनकी अपीलों को परीक्षण के बाद खारिज कर दिया गया है।
इनमें मानवाधिकार कार्यकर्ता मिन यू (जिमी), विपक्षी सांसद फ्यो जेया थाव भी शामिल हैं, जिन्हें 21 जनवरी को म्यांमार में एक कानून के तहत सैन्य न्यायाधिकरण ने मृत्युदंड सुनाया था। एचआरडब्ल्यू के अनुसार, म्यांमार में सैन्य न्यायाधिकरणों ने फरवरी 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद से 114 लोगों को मौत की सजा सुनाई है।