सोर्स न्यूज़ - आज तक
यूक्रेन। यूक्रेन को अमेरिका, जर्मनी और बाकी देशों से मिल रहे सैन्य मदद से रूस गुस्से में है. रूस ने गुरुवार को यूक्रेन पर मिसाइल से हमला कर दिया जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई जबकि 11 अन्य घायल हो गए. न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन इमरजेंसी सर्विस ने बताया कि रूस के हमले में ग्यारह लोगों की मौत हो गई, जबकि ग्यारह घायल हो गए. अमेरिका, जर्मनी, कनाडा और बाकी देशों द्वारा यूक्रेन को मदद की घोषणा के बाद रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं. गुरुवार को हुए हमले में कई क्षेत्रों में इमरजेंसी ब्लैकआउट हो गया.
अमेरिका और जर्मनी द्वारा कीव को टैंक देने पर सहमती होने के एक दिन बाद ये हमले हुए हैं. कनाडा ने भी पुष्टि की कि वह यूक्रेन की सेना को चार टैंक भेजेगा. यूक्रेन के शीर्ष जनरल ने दावा किया कि यूक्रेनी वायु रक्षा ने देश में दागी गई 55 मिसाइलों में से 47 को मार गिराया.
उधर, कनाडा ने भी यूक्रेन को चार लेपर्ड 2 टैंक भेजेने का ऐलान किया है. कनाडा की रक्षा मंत्री अनीता आनंद ने गुरुवार को कहा कि टैंक देना सभी सहयोगियों और साझेदारों के योगदान से संभव हुआ है. इससे यूक्रेन की सेना को रूसी हमले के खिलाफ लड़ने में मदद मिलेगी. गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका ने यूक्रेन को 31 एम1 अबराम युद्धक टैंक देने का फैसला किया है. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को इसकी घोषणा की थी. उधर, जर्मनी भी 14 'लेपर्ड 2 ए 6' टैंक भेज रहा है. यूक्रेन इसलिए भी टैंक मांग रहा है, क्योंकि रूस शुरू से ही आक्रामक तरीके से हमला कर रहा है. इसका एहसास रूस ने पहले ही करा दिया है. दरअसल, यूक्रेन लंबे समय से चाहता था कि उसे अत्याधुनिक टैंक मिलें, ताकि वो रूसी सेना का मुकाबला कर सके और अपने इलाकों को फिर से कब्जे में ले सके. मेड इन जर्मनी लेपर्ड-2 टैंक के साथ ही अमेरिका का अबराम एम-1 टैंक बेहद अत्याधुनिक टैंक माना जाता है.