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भारत को UNSC में मिले स्थायी सीट, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने किया समर्थन

Neha Dani
25 Sep 2021 3:35 AM GMT
भारत को UNSC में मिले स्थायी सीट, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने किया समर्थन
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राष्ट्रपति बाइडेन ने धन्यवाद और प्रशंसा के साथ इसका संज्ञान लिया है।

भारत के प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्हाइट हाउस में पहली बार द्विपक्षीय मुलाकात की। इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई इस दौरान राष्ट्रपति जो बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(UNSC) में भारत को स्थायी सदस्य बनाए जाने को लेकर अपना समर्थन दिया। राष्‍ट्रपति बाइडन ने कहा कि भारत को संयुक्‍त राष्‍ट्र की सुरक्षा परिषद का स्‍थायी सदस्‍य होना चाहिए। भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को लगता है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट मिलनी चाहिए।

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बाइडन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के बाद कहा- 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की हमारी अध्यक्षता की सराहना की गई, विशेष रूप से अफगानिस्तान के मुद्दे पर। राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्हें लगता है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(UNSC) में एक स्थायी सीट मिलनी चाहिए। वह पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दूसरे दिन की विशेष प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। वह पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दूसरे दिन की विशेष प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(UNSC) के संस्थापक सदस्यों में से एक, वर्ष 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985 के दौरान 7 बार परिषद के एक अस्थायी सदस्य के रूप में चुना गया है। 1991-1992 और सबसे हाल ही में 2011-2012 में। बता दें कि UNSC में 15 सदस्य होते हैं जिनमें 10 अस्थायी और 5 स्थायी सदस्य होते हैं। 193 सदस्यीय UNSC हर साल संयुक्त राष्ट्र में दो साल के कार्यकाल के लिए पांच गैर-स्थायी सदस्यों का चुनाव कराता है। इसके अलावा, परिषद के पांच स्थायी सदस्य हैं- चीन, फ्रांस, रूस, यूके और यूएस।
श्रृंगला ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की अध्यक्षता विशेष रूप से अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत के कदम की सराहना की गई। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को भारत आने का न्योता दिया है। राष्ट्रपति बाइडेन ने धन्यवाद और प्रशंसा के साथ इसका संज्ञान लिया है।


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