फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की समीक्षा बैठक में पाकिस्तान को करारा झटका लगा है। बताया जा रहा है कि बर्लिन में हुई इस बैठक में पाकिस्तान को फिलहाल ग्रे-लिस्ट में बनाए रखने का फैसला किया गया है। बैठक में पाकिस्तान ने कहा कि उसने काले धन पर रोक लगाने और आतंकवाद के लिए वित्तपोषण को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं। इसकी पड़ताल के लिए ऑन साइट समीक्षा का प्रस्ताव भी रखा गया। इस ऑन साइट विजिट के बाद ही ग्रे लिस्ट के हटाने पर कोई फैसला किया जाएगा। हालांकि, FATF ने पाकिस्तान की तरफ से उठाए गए कदमों का स्वागत भी किया।
जानकारी के मुताबिक, अपने जून 2022 के पूर्ण सत्र में FATF ने प्रारंभिक रूप से पाया कि पाकिस्तान ने अपनी दो कार्य योजनाओं को काफी हद तक पूरा कर लिया है, जिसमें 34 आइटम शामिल हैं। पाकिस्तान के सुधारों का कार्यान्वयन शुरू हो गया है या नहीं और क्या यह अब जारी है, इसके लिए ऑन साइट विजिट का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा FATF ने यूक्रेन के लोगों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की और FATF के भीतर रूसी संघ की भूमिका और प्रभाव को गंभीर रूप से सीमित करने पर सहमति जताई।
पहले भी 'ग्रे लिस्ट' में बरकरार रहा था पाकिस्तान
इससे पहले भी एफएटीएफ ने पाकिस्तान को काले धन पर रोक नहीं लगाने, आतंकवाद के लिए वित्तपोषण बढ़ाने पर 'ग्रे लिस्ट' में बरकरार रखा था। साथ ही पाकिस्तान से आतंकी हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे लोगों के खिलाफ जांच करने और उन पर मुकदमा चलाने को भी कहा गया था।
पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में क्यों?
पाकिस्तान आतंकी संगठनों और आतंकवादियों पर कार्रवाई करने में नाकाम रहा था। इसलिए पाकिस्तान अभी ग्रे-लिस्ट में बरकरार है। मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को लगातार काबू न कर पाने के चलते पाकिस्तान जैसे देशों को सेफ टैक्स हैवन्स भी करार दिया जाता है।