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रियल-वर्ल्ड ब्रिटिश स्टडी: कोरोना संक्रमण वैक्सीन की दोनो डोज लेने के बाद मिलती है 71 फीसदी सुरक्षा

Admin4
7 Oct 2021 2:17 PM GMT
रियल-वर्ल्ड ब्रिटिश स्टडी: कोरोना संक्रमण वैक्सीन की दोनो डोज लेने के बाद मिलती है 71 फीसदी सुरक्षा
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ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (Oxford/AstraZeneca vaccine) की दोनो डोज के बाद वैक्सीनेशन के छह महीने बाद तक संक्रमण से 71 फीसदी तक सुरक्षा मिलती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण से रिकवर होने और उसके बाद वैक्सीन (Vaccine) की दोनों डोज लेने से कोविड-19 (Covid-19) खिलाफ 94 फीसदी तक सुरक्षा बढ़ जाती है. गुरुवार को एक रियल-वर्ल्ड ब्रिटिश स्टडी (UK Study) में ये जानकारी सामने आई है. एक नॉट-फॉर-प्रॉफिट ऐप आधारित पहल है, जिसे ZOE COVID स्टडी का नाम दिया गया है. इस स्टडी के तहत पिछले साल ब्रिटेन में कोविड-19 पर रियल-वर्ल्ड डेटा का अध्ययन कर रही है. इसने पाया कि ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (Oxford/AstraZeneca vaccine) की दोनो डोज के बाद वैक्सीनेशन के छह महीने बाद तक संक्रमण से 71 फीसदी तक सुरक्षा मिलती है.

स्टडी में बताया गया कि उन लोगों में संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा 90 फीसदी तक बढ़ गई, जो पहले कोरोना संक्रमित थे. ZOE COVID स्टडी ऐप के लीड साइंटिस्ट प्रोफेसर टिम स्पेक्टर ने कहा, इस हफ्ते अच्छी खबर ये है कि हमारे लेटेस्ट रिसर्च से पता चलता है कि डबल वैक्सीनेशन से पहले कोविड संक्रमण होने का मतलब अधिक सुरक्षा है. उन्होंने कहा, 'ब्रिटेन में ओवरऑल इम्युनिटी लेवल के लिए ये वास्तव में एक पॉजिटिव खबर है और इसका मतलब है कि बड़ी संख्या में लोगों को कोविड-19 से प्रभावी और लंबे समय तक चलने वाली सुरक्षा मिलेगी.' उन्होंने कहा, ये सबूत वैक्सीनेशन को सपोर्ट देते हैं, यहां तक कि उन लोगों के लिए भी जिन्हें पहले से ही कोविड हो चुका है.
कोविड संक्रमण के बाद वैक्सीनेशन से बढ़ती है सुरक्षा
स्पेक्टर ने कहा, हमें कम आत्मसंतुष्ट होने की जरूरत है और अन्य देशों के प्रयासों को बनाए रखने के लिए सभी को सर्दियों से पहले वैक्सीनेशन कराने पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. फाइजर/बायोएनटेक एमआरएन वैक्सीन की दो डोज वैक्सीनेशन के छह महीने बाद 80 फीसदी तक सुरक्षा देते हैं. ये वैक्सीन उन लोगों को 94 फीसदी सुरक्षा प्रदान करती है, जो पहले कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं. स्टडी की फाइंडिंग में ये पता चलता है कि 19 सालों से कम आयु वाले ग्रुप में दैनिक नए मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. वहीं, 30-49 आयु वर्ग में धीमी दर से मामले बढ़ रहे हैं.
बच्चों में कोरोना फैलना हो सकता है खतरनाक
प्रोफेसर स्पेक्टर ने बताया कि कोविड बच्चों में कम गंभीर हो सकता है, लेकिन उनके बीच कोरोना को बड़े पैमाने पर फैलने की अनुमति देना एक जुआ है. उन्होंने कहा, इस समूह में वैक्सीनेशन या प्रतिबंध के बिना, हम केवल ये आशा कर सकते हैं कि किसी तरह से हर्ड इम्युनिटी शुरू हो जाएगी और कोविड केस कम हो जाएंगे. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इसकी वजह से लंबे स्तर तक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं. ऐसे में बच्चों पर निगरानी रखना बेहद जरूरी है.


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