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कीव। यूक्रेनियाई सैनिकों को देश के दक्षिणी खेरसॉन क्षेत्र में नई बढ़त मिली है और सोमवार को भी उनका यह अभियान जारी रहा, जो मॉस्को के लिए असहज स्थिति पैदा कर रहा है। कीव के अधिकारियों और विदेशी पर्यवेक्षकों ने यह जानकारी दी। यूक्रेन के लिए खेरसॉन मुश्किल युद्ध का मैदान साबित हुआ है और पिछले महीने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर फतह हासिल करने के मुकाबले उन्हें अपेक्षाकृत धीरे-धीरे सफलता मिल रही है।
यूक्रेन की मीडिया ने यूक्रेनियाई सैनिकों की तस्वीर प्रसारित की है जिसमें वे ख्रीश्चेनिवका गांव में राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहे हैं, यह गांव उसी खेरसॉन इलाके में स्थित है जहां पर रूसी सुरक्षा पंक्ति मौजूद थी। मॉस्को समर्थक रूसी सैन्य ब्लॉगरों ने स्वीकार किया है कि यूक्रेन के सैनिक बेहतर हैं और इलाके में उनके अभियान को टैंक इकाई की मदद मिल रही है। रूस द्वारा खेरसॉन इलाके में तैनात अधिकारी किरील स्ट्रीमोउसोव ने सोमवार सुबह वीडियो संदेश में स्वीकार किया है कि यूक्रेन की सेना ''उनके कब्जे वाले इलाके के कुछ और भीतर तक पहुंच गई है।'' हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि ''सबकुछ नियंत्रित है'' और रूसी '' रक्षा प्रणाली'' इलाके में काम कर रही है।
रूसी सेना ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की के गृहनगर और अन्य ठिकानों पर रविवार को ड्रोन से हमला किया जबकि यूक्रेन ने रणनीतिक रूप से अहम पूर्वी शहर पर पूरी तरह से नियंत्रण स्थापित कर लिया जिससे युद्ध में नया मोड़ आ गया है। रूस को हाल में पूर्वी शहर लिमैन में हार मिली जिसका इस्तेमाल वह परिवहन और रणनीतिक केंद्र के तौर पर कर रहा था।
इसे रूस के लिए झटका माना जा रहा है जो यूक्रेन के चार इलाकों का विलय कर और परमाणु हमले की धमकी देकर युद्ध को तेज करना चाहता है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन के बागी हिस्सों के रूस में विलय को मंजूरी देने के साथ युद्ध के खतरनाक स्तर पहुंचने की आशंका बढ़ गई है। इससे यूक्रेन भी नाटो की सदस्यता की प्रक्रिया को तेज करने का औपचारिक आवेदन करने को प्रोत्साहित हुआ है।
सोर्स - अमृत विचार
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