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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के प्रवक्ता सर्गेई निकोफोरोव ने रूस की आंशिक सैन्य तैनाती को रूस की जनता की के लिए बड़ी त्रासदी बताया है। उन्होंने एक बयान में कहा कि यूक्रेन में अग्रिम पंक्ति पर भेजे गए जवानों को भी उसी तरह के हालात का सामना करना पड़ेगा, जैसा कीव में हमले के दौरान भगाए गए रूसी जवानों का हुआ था। यह रूस का उसकी पेशेवर सेना की अक्षमता को स्वीकार करना है जो अपने काम में पूरी तरह से विफल रही है।
प्रवक्ता ने कहा, जैसा कि हम देख सकते है कि रूस के अधिकारी इस बात की भरपाई हिंसा के साथ करना चाहते हैं और अपने ही लोगों का दमन करने में लगे हुए है। जितनी जल्दी यह रुकेगा, रूसी मोर्चे पर उतनी ही कम जान जाएगी। रूसी अधिकारियों ने कहा कि 3,00000 रिजर्विस्ट यानी की आरक्षित सैनिकों की आंशिक तैनाती की योजना बनाई गई है।
रिजर्विस्ट एक ऐसा व्यक्ति होता है जो मिलिट्री रिजर्व फोर्स का सदस्य होता है। यह आम नागरिक होता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर इसकी कहीं भी तैनाती की जा सकती है। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने कहा है कि प्रासंगिक लड़ाकू क्षमता और सेवा अनुभव वालों की ही आंशिक तैनाती की जाएगी।
उन्होंने कहा कि करीब ढाई करोड़ लोग इस मानदंड में फिट बैठते हैं, लेकिन इनमें से करीब एक प्रतिशत लोगों को ही तैनात किया जाएगा।
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