अमेरिका में अध्ययनरत भारतीय छात्रों की संख्या में 2021 में 12 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जबकि चीन के छात्रों की संख्या में आठ प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में पढ़ाई के लिए सबसे अधिक संख्या में चीनी छात्र आते हैं।
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि 2021 में अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के दाखिले पर कोरोना का हुआ असर जारी है। 'स्टूडेंट्स एंड एक्सचेंज विजिटर इंफोर्मेशन सिस्टम' (सेविस) के सक्रिय एफ-1 और एम-1 छात्रों की कुल संख्या 2021 में 12,36,748 रही, जो 2020 के मुकाबले 1.2 फीसदी कम है। एफ-1 और एम-1 दो गैर-आव्रजक छात्र वीजा हैं। जे-1 भी गैर-आव्रजक छात्र वीजा है लेकिन ज्यादातर शोधार्थी कार्यक्रमों के लिए दिया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, एशियाई देशों में भारत-चीन के छात्रों की संख्या सर्वाधिक रहती है। हालांकि चीन से 2020 के मुकाबले 2021 में कम छात्र आए जबकि भारत ने अधिक छात्र भेजे।
भारतीय छात्रों में 37 फीसदी महिलाएं
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय छात्रों में 37 प्रतिशत महिलाएं हैं। भारत के 2,35,851 छात्र अमेरिका आए। हालांकि चीन 3,48,992 छात्रों के साथ अमेरिका में अब भी शीर्ष पर है लेकिन पिछले साल की तुलना में चीनी छात्र घटे हैं।
अन्य देशों के छात्र भी बढ़े
भारत और चीन के बाद दक्षिण कोरिया के 58,787, कनाडा के 37,453, ब्राजील के 33,552, वियतनाम के 29,597, सऊदी अरब के 28,600, ताइवान के 25,406, जापान के 20,144 और मेक्सिको के 19,680 छात्र अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। भारत और चीन से आने वाले छात्रों की संख्या अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या की 71.9 फीसदी है।