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भारत में तेल के नए उत्पादक देश से आई पहली खेप, जानिए क्‍यों और कैसे चीन को लगेगा तगड़ा झटका

Neha Dani
25 March 2021 2:21 AM GMT
भारत में तेल के नए उत्पादक देश से आई पहली खेप, जानिए क्‍यों और कैसे चीन को लगेगा तगड़ा झटका
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भारत में तेल के नए उत्पादक देश से आई पहली खेप, जानिए क्‍यों और कैसे चीन को लगेगा तगड़ा झटका

भारत पहली बार दक्षिण अमेरिका से कच्चे तेल खरीद रहा है। भारत दुनिया का ऐसा तीसरा सबसे बड़ा देश है जो इतनी बड़ी मात्रा में कच्चे तेल को आयात करता है। बता दें कि भारत ने पहली बार दक्षिणी अमेरिका के देश गुयाना से कच्चा तेल खरीदा है। 8 अप्रैल को इसकी पहली खेप भारत आएगी। जानकारी मिली है कि यह खेप गुजरात के मुंद्रा पोर्ट आएगी। भारत के इस फैसले से ओपेक देशों को बड़ा झटका लग सकता है। इससे पहले भारत अपने तेल की आपूर्ति का बड़ा मध्य पूर्व के देशों से आयात करता आया है।

भारत ने तेल रिफाइनिंग कंपनियों से कहा है कि वे मध्य पूर्व देशों से तेल के आयात को कम कर दें और दूसरे क्रूड उत्पादकों से अपनी खरीद को बढ़ाएं। ओपेक प्लस ने फैसला किया है कि इस महीने अप्रैल तक वह कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करेगा।
तेल निर्यातकों के संगठन पर भारत अपनी निर्भरता को कम करने की कोशिश कर रहा है। बीते समय में सऊदी अरब सहित कई देशों ने तेल उत्पाद को बढ़ाने से इनकार कर दिया था. बता दें कि भारत अपनी कुल जरूरत का 84 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है, जिसमें 60 प्रतिशत मध्य पूर्व से आता था।
चूंकि टिलर-ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, गुयाना ने 2020 की शुरुआत में कच्चे तेल का निर्यात शुरू किया था। इसलिए इसका तेल मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, पनामा और कैरिबियन में प्रवाहित हुआ है।
रूस, उत्तरी अमेरिकी उत्पादकों के अलावा कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और मैक्सिको ने भारत को भारी क्रूड ग्रेड बेचकर बाजार में हिस्सेदारी हासिल की है।
बता दें कि भारत सऊदी अरब समेत मध्य पूर्व के कई देशों से कच्चे तेल की निर्भरता घटाने की कोशिश कर रहा है। अप्रैल 2020 से लेकर जनवरी 2021 तक भारत के तेल आयात में ओपेक ही हिस्सेदारी में बड़ी गिरावट आई है।


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