लॉस एंजिलिस के मेयर एरिक गार्सेटी जिनको हाल ही में भारत का राजनयिक बनाने की घोषणा हुई है। उनके खिलाफ अमेरिका के एक शीर्ष सीनेटर ने मोर्चा खोलते हुए आरोपों की गहन जांच की मांग की है। अमेरिकी संसद (कांग्रेस) की एक अहम समिति ने भारत में अमेरिका के राजदूत के तौर पर लॉस एंजिलिस के मेयर एरिक एम. गार्सेटी के नामांकन को मंजूरी दी थी।
सीनेट द्वारा एरिक गार्सेटी की पुष्टि अब कई महीनों से लंबित है, जिसका मुख्य कारण रिपब्लिकन सीनेटर चक ग्रासली का विरोध है। गुरुवार को ग्रासली ने सीनेट में अपनी बात को दोहराया कि वह गार्सेटी के नामांकन का विरोध करना जारी रखेंगे, जब तक कि उनके कर्मचारियों द्वारा की जा रही जांच पूरी नहीं हो जाती और वह इससे संतुष्ट नहीं हो जाते।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत गणराज्य को एक योग्य राजदूत भेजने के लिए तैयार है जो संयुक्त राज्य के मूल्यों का प्रतिनिधित्व करेगा। मेयर गार्सेटी पूरी तरह से योग्य हो सकते हैं, लेकिन इस समय, सीनेट को इन आरोपों को और अधिक देखने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं जब तक मतदान नहीं कर सकता तक तक मेरे कर्मचारी पूरी तरह से जांच नहीं कर लेते।
आगे ग्रासली ने कहा कि उन्हें कई व्हिसलब्लोअर शिकायतें मिली हैं जो गार्सेटी ने देखीं और उन्हें पता था कि उनके डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ, रिक जैकब्स, शहर के कर्मचारियों का यौन उत्पीड़न करते हैं। दो हफ्ते पहले उन्होंने कहा था कि इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने जांच की समीक्षा के लिए भी कहा था कि लॉस एंजिल्स शहर ने कमीशन किया था जिसने गार्सेटी को किसी भी गलत काम से मुक्त कर दिया था।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले साल जुलाई में गार्सेटी को नामांकित किया था। यदि सीनेट (उच्च सदन) में उनके नाम पर मुहर लग जाती है तो 50 वर्षीय गार्सेटी पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन के दौरान भारत में अमेरिकी राजदूत रहे केनेथ जस्टर की जगह लेंगे।