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कुछ दिन पहले जापान का आसमान आतिशबाजी से रोशन नजर आया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कुछ दिन पहले जापान का आसमान आतिशबाजी से रोशन नजर आया। आसमान से मानो छोटे-छोटे आग के गोले बरस रहे थे जिनके वीडियो टीवी और सोशल मीडिया पर चलते रहे। दरअसल, यहां हो रही थी उल्कापिंड की बरसात जो कुछ देर चलती रही। स्थानीय मीडिया के मुताबिक ये आग के गोले bolide थे। यह एक ऐसा उल्कापिंड होता है जो वायुमंडल में फट जाता है।
NHK पब्लिक टेलिविजन के मुताबिक दक्षिणी आसमान में आइची, मी और दूसरी जगहों पर ये गोले देखे गए। नगोया पोर्ट पर एक कैमरे में उल्कापिंड जैसे-जैसे धरती के करीब पहुंचा वह पूरे चांद की तरह चमक उठा। कुछ एक्सपर्ट्स ने कहा कि इसके कुछ टुकड़े जमीन पर भी गिरे।
कुछ लोग ऐसी रोशनी देखकर उत्साहित हो उठे तो कई विस्फोट से परेशान भी हो गए। किसी को पहले समझ में नहीं आया कि रात को दिन हुआ कैसे। इससे पहले जुलाई में टोक्यो में टूटता तारा देखा गया था। इसके टुकड़े शीबा में भी देखे गए।
People across wide areas of Japan were treated to a spectacular light show in the early hours of Sunday, thanks to what is believed to be a meteor. pic.twitter.com/r0HfI082SK
— NHK WORLD News (@NHKWORLD_News) November 30, 2020
क्या होते हैं उल्कापिंड?
किसी वजह से ऐस्टरॉइड के टूटने पर उनका छोटा सा टुकड़ा उनसे अलग हो जाता है जिसे उल्कापिंड यानी meteroid कहते हैं। जब ये उल्कापिंड धरती के करीब पहुंचते हैं तो वायुमंडल के संपर्क में आने के साथ ये जल उठते हैं और हमें दिखाई देती एक रोशनी जो शूटिंग स्टार यानी टूटते तारे की तरह लगती है लेकिन ये वाकई में तारे नहीं होते।
NASAरखता है कलेक्शन जरूरी नहीं है कि हर उल्कापिंड धरती पर आते ही जल उठे। कुछ बड़े आकार के उल्कापिंड बिना जले धरती पर लैंड भी करते हैं और तब उन्हें meteorite कहा जाता है। NASA का जॉन्सन स्पेस सेंटर दुनिया के अलग-अलग कोनों में पाए गए meteorites का कलेक्शन रखता है और इन्हीं की स्टडी करके ऐस्टरॉइ़ड्स, planets और हमारे सोलर सिस्टम की परतें खोली जा जाती हैं।
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