उत्तराखंड

मलबे में फंसे झारखंड के श्रमिकों के परिजनों का सब्र छलका

Nilmani Pal
15 Nov 2023 3:49 PM GMT
मलबे में फंसे झारखंड के श्रमिकों के परिजनों का सब्र छलका
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रांची। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट की टनल के अंदर मलबे में फंसे झारखंड के श्रमिकों के परिजनों का सब्र छलक रहा है। टनल में फंसे 40 में से 15 मजदूर झारखंड के हैं। उनके रेस्क्यू में हो रही देरी ने घर वालों की चिंता बढ़ा दी है।

झारखंड के अफसरों की एक टीम उत्तरकाशी में मौके पर मौजूद है और पल-पल का अपडेट ले रही है। रांची के ओरमांझी प्रखंड के खीराबेड़ा गांव के तीन श्रमिक अनिल बेदिया, राजेंद्र बेदिया और सुकराम बेदिया भी सुरंग में फंसे हैं। उनके परिजनों को मंगलवार को जब झारखंड सरकार की ओर से उनके सुरक्षित होने की खबर दी गई तो वे थोड़े इत्मीनान हुए, लेकिन बुधवार शाम तक रेस्क्यू अभियान की प्रगति धीमी पड़ने की खबर से वे फिर से बेचैन हैं।

सुरंग में फंसा राजेंद्र बेदिया नामक श्रमिक के पिता श्रवण बेदिया दिव्यांग हैं। उनकी आंखों में आंसू हैं। मां फूलकुमारी और बहन चांदनी के भी आंसू नहीं थम रहे। एक अन्य श्रमिक सुकराम बेदिया की मां पार्वती देवी भी दिव्यांग हैं। वह मंदिर में मत्था टेक रही हैं।

झारखंड सरकार की ओर से उत्तरकाशी भेजे गए अफसरों की टीम ने वहां के जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक रोहिला से मुलाकात कर उनसे रेस्क्यू ऑपरेशन की पूरी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बताया कि मंगलवार रात से जो रेस्क्यू की प्रक्रिया चल रही थी, उसमें रुकावट आयी है। मशीन ख़राब हो गई है। साथ ही पत्थर आ जाने के कारण रेस्क्यू में रुकावट हुई है।

झारखंड की टीम ने घटनास्थल से 7-8 किलोमीटर की दूरी पर एक प्रवासी नियंत्रण कक्ष -होटल अनंतम ब्रह्मखाल, उत्तरकाशी में खोल दिया गया है ताकि श्रमिकों या उनके शुभचिंतकों को कोई भी जानकारी तुरंत उपलब्ध कराई जा सकेI

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