COVID-19

देवभूमि उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में कोविड का असर काफी कम रहा

28 Dec 2023 11:49 PM GMT
देवभूमि उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में कोविड का असर काफी कम रहा
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देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में कोविड का असर न केवल कम रहा बल्कि वहां कोविड की रिकवरी दर सबसे अधिक रही. इसके बूते राज्य की आयोग्य प्राप्ति की दर 96.41 फीसदी रही. पर्वतीय जिलों में रुद्रप्रयाग की रिकवरी दर सबसे अधिक 99., पौड़ी गढ़वाल की 98.49 व पिथौरागढ़ की 98.25 फीसदी रही. ग्राफिक एरा …

देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में कोविड का असर न केवल कम रहा बल्कि वहां कोविड की रिकवरी दर सबसे अधिक रही. इसके बूते राज्य की आयोग्य प्राप्ति की दर 96.41 फीसदी रही. पर्वतीय जिलों में रुद्रप्रयाग की रिकवरी दर सबसे अधिक 99., पौड़ी गढ़वाल की 98.49 व पिथौरागढ़ की 98.25 फीसदी रही. ग्राफिक एरा पर्वतीय विवि के प्रोफेसरों का कोविड को लेकर किया गया शोध अंतरराष्ट्रीय जर्नल कोरोना वायरस में प्रकाशित हुआ है.

ग्राफिक एरा पर्वतीय विवि के शोधकर्ताओं की टीम ने कोविड 19 के स्वास्थ्य बुलेटिन से प्राप्त डेटा के विश्लेषण के बाद कुछ सुझाव दिए हैं, जिससे शोध का उपयोग भविष्य में कोविड जैसी महामारी से निपटने में किया जा सकता है.

शोध में कहा गया है कि कोविड 19 वायरस का प्रसार बढ़ाने में 20 डिग्री सेल्सियस से ऊपर का तापमान, बढ़ी हुई आर्द्रता, उच्च युवी विकिरण भी जिम्मेदार रहा. मैदानी क्षेत्र में तीव्र धूप पड़ने से लोग धूप के संपर्क से बचते हैं, वहीं अधिक जनसंख्या घनत्व होने से अधिक संक्रामक मामले व मौते हुई.

जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में लोग ज्यादा धूप के संपर्क में रहते थे. लोगों को भरपूर विटामिन डी मिला, इसलिए वहां कम संवेदनशील मामले आए. बेहतर वेंटिलेशन, बेहतर धमनी ऑक्सीजन परिवहन भी बड़ी वजह रहा. शोध में राज्य के दस पर्वतीय जिले व तीन मैदानी जिले शामिल किए गए.

शोध ग्राफिक एरा पर्वतीय विवि के कुलपति प्रो. (डॉ.) संजय जसोला, विवि के स्कूल ऑफ फार्मेसी के प्रो. डॉ. प्रशांत गहतोड़ी, एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल, डॉ. गौरव जोशी, डॉ. अक्षरा पांडे, डॉ. ओमदीप गुप्ता ने किया है.

पहला मामला 15 मार्च 2020 को सामने आया राज्य में कोविड का पहला मामला 15 मार्च 2020 को दर्ज हुआ. हालांकि 11 अप्रैल से 3 मई 2020 के दौरान कोविड पर प्रभावी नियंत्रण रहा, लेकिन से वें सप्ताह में मामले बढ़े. कोविड की पहली लहर में देहरादून, ऊधमसिंहनगर व नैनीताल अधिक संवेदनशील थे. जबकि इसी समय पर्वतीय जिले चमोली, पौड़ी गढ़वाल व रुद्रप्रयाग में पॉजीटिव मामले 30 व 31 वें सप्ताह के बीच आए, जो कि कम संवेदनशील थे.

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