गोरखपुर स्थित जल निगम के दफ्तर पर पानी के ‘सीमा विवाद’ से गुस्साए लोगों ने प्रदर्शन किया
देहरादून: प्रेमनगर में कैंट बोर्ड क्षेत्र के मोहनपुर, स्मिथनगर और न्यू कॉलोनी के लोगों ने गोरखपुर स्थित जल निगम के दफ्तर पर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक पोषित नई पेयजल योजना तो शुरू की गई, मोहनपुर-स्मिथनगर, न्यू कॉलोनी क्षेत्र को इससे जोड़ा नहीं जा रहा है. भाजयुमो के प्रदेश मंत्री राजेश रावत के …
देहरादून: प्रेमनगर में कैंट बोर्ड क्षेत्र के मोहनपुर, स्मिथनगर और न्यू कॉलोनी के लोगों ने गोरखपुर स्थित जल निगम के दफ्तर पर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक पोषित नई पेयजल योजना तो शुरू की गई, मोहनपुर-स्मिथनगर, न्यू कॉलोनी क्षेत्र को इससे जोड़ा नहीं जा रहा है.
भाजयुमो के प्रदेश मंत्री राजेश रावत के नेतृत्व में पहुंचे लोगों ने जल निगम के खिलाफ नारे लगाए. अफसर तर्क दे रहे हैं कि यह क्षेत्र कैंट बोर्ड के अधीन है, इसलिए यहां विश्व बैंक प्रोजेक्ट के तहत पानी मुहैया कराने का प्रावधान नहीं है. लोगों ने बताया कि यहां जल संस्थान आपूर्ति करता आया है. यह क्षेत्र तब भी कैंट बोर्ड के अधीन था. अब तकनीकी बाध्यता बता 150 परिवारों को नई योजना से बाहर कर दिया गया है. उन्होंने मांग उठाई कि जब तक छावनी परिषद व्यवस्था नहीं करता, इन क्षेत्रों में जलापूर्ति जारी रहे. वे कैंट बोर्ड से वार्ता करेंगे. इस दौरान खिलाफ सिंह बिष्ट, जगत गुसाईं, विजय सिंह, मदन सिंह, कैप्टन रघुबीर सिंह, सूबेदार भरत सिंह आदि शामिल रहे.
कैंट बोर्ड के अधीन कुछ इलाकों में पेयजल निगम 31 से पानी सप्लाई बंद कर देगा. ईई एम. हसन के अनुसार, यह योजना छावनी क्षेत्र के बाहर रहने वाले लोगों के लिए है. बता दें कि यह योजना में जल संस्थान से पेयजल निगम के पास गई. इन इलाकों में डेढ़ सौ परिवारों से बिल वसूला गया, अब नोटिस दे दिया है.