रवासन नदी में स्टोन क्रशर बंद होने से खड्डों और नदियों में अंधाधुंध खनन
हरिद्वार: रवासन नदी में अवैध खनन की शिकायत पर वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक ने छापेमारी की तो खनन निकासी गैंडीखाता द्वितीय के गेट से टोकन लेकर खनन सामग्री लेने गए 17 ट्रैक्टर ट्राली और डंपर मौके से गायब मिले हैं. क्षेत्रीय प्रबंधक की छापेमारी से बड़ी मात्रा में अवैध खनन का खुलासा हुआ है. जिससे सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की प्रतिदिन हॉनि हो रही है. क्षेत्रीय प्रबंधक अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए हुए मौके से गायब मिले 17 ट्रैक्टर ट्राली और डंपरों के पंजीकरण निरस्त कर मामले की जांच शुरु कर दी है.
वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक शेर सिंह ने देर शाम रवासन नदी में चल रहे खनन चुगान क्षेत्र का निरीक्षण कर छापेमारी की. गैंडीखाता के गेट-एक पर खनन चुगान का कार्य सामान पाया गया है. लेकिन जब क्षेत्रीय प्रबंधक खनन निकासी गैंडीखाता द्वितीय के गेट पर पहुचे तो गेट से करीब 1 ट्रैक्टर ट्राली और डंपर टोकन लेकर रावासन नदी में खनन सामग्री लेने के लिए गए हुए थे. मौके पर चार ट्रैक्टर ट्राली और डंफर पाए गए, खनन सामग्री लेने गए 17 ट्रैक्टर ट्राली और डंफर मौके से गए मिले. आरोप है कि बिना रॉयल्टी के ही खनन सामग्री से लदे इन 17 ट्रैक्टर ट्राली और डंपर अवैध तरीके से बाहर निकाल दिया गया. जिसके सरकार को राजस्व की हॉनि भी पहुंच रही है. रवासन नदी में अवैध खनन का मामला सामने आने पर वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक शेर सिंह ने मौके पर 17 ट्रैक्टर ट्राली और डंपर के पंजीकरण निरस्त कर दिया है. वही निकासी गेट पर तैनात वन विकास निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की संदिग्ध भूमिका की जांच के आदेश दिये हैं.