उत्तराखंड

कर्मचारियों को दून अस्पताल में ईएसआई के तहत इलाज अभी नहीं मिलेगा

18 Dec 2023 11:20 PM GMT
कर्मचारियों को दून अस्पताल में ईएसआई के तहत इलाज अभी नहीं मिलेगा
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हरिद्वार: फैक्ट्रियों और कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को दून अस्पताल में ईएसआई के तहत इलाज अभी नहीं मिलेगा. ईएसआई प्रबंधन का प्रस्ताव दून अस्पताल ने लौटा दिया है. अस्पताल की ओर से कहा गया है कि उनके पास अभी उतनी विशिष्ट सुविधाएं नहीं हैं, जितनी ईएसआई ने डिमांड की हैं. कुछ सुविधाएं अभी …

हरिद्वार: फैक्ट्रियों और कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को दून अस्पताल में ईएसआई के तहत इलाज अभी नहीं मिलेगा. ईएसआई प्रबंधन का प्रस्ताव दून अस्पताल ने लौटा दिया है. अस्पताल की ओर से कहा गया है कि उनके पास अभी उतनी विशिष्ट सुविधाएं नहीं हैं, जितनी ईएसआई ने डिमांड की हैं. कुछ सुविधाएं अभी पाइपलाइन में हैं. जैसे ही वह पूरी होंगी, सुविधा देना शुरू कर दिया जाएगा.
राज्य चिकित्सा अधिकारी अमित कुमार सक्सेना की ओर से प्राचार्य को इस संबंध में पत्र भेजा गया था. निगम के सात जिलों में 30 से ज्यादा डिस्पेंसरियां हैं. 64 अस्पताल विशिष्ट एवं 18 अस्पताल अति विशिष्ठ सेवाओं के लिए अनुबंधित हैं. प्रदेश में छह लाख से ज्यादा कर्मचारी और उनके आश्रित को सुविधा मिलती है. अतिविशिष्ठ सेवाओं में कॉर्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी, मेडिकल आंकोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गेस्ट्रोलॉजी, एंडोक्राइन सर्जरी, बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी, रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी, ऑर्गन ट्रांसप्लांट समेत आईसीयू, निक्कू, एमआरआई, सीटी स्कैन, टीएमटी आदि की सुविधा के लिए अनुरोध किया गया था. प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना की ओर से भेजे गए जवाब में कहा गया है कि इनमें से कई सेवाएं अभी पाइपलाइन में हैं. उनके शुरू होने पर सुविधाएं दी जाएंगी.

अस्पताल में एक बार फिर कर्मचारियों की भर्ती को लेकर अड़चन आई
दून अस्पताल में चल रही कर्मचारियों की कमी का संकट फिर गहरा गया है. शासन ने पांच सेवाओं की मंजूरी दी है. साथ में जैम से उन्हें आउटसोर्स करने के लिए कहा गया है, लेकिन जैम में केवल मैनपॉवर को आउटसोर्स किया जा सकता है. इससे अब इनके लिए टेंडर करने में दिक्कत हो रही है. कॉलेज स्तर पर अब बैठक कर दोबारा से शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है. पांच सेवाओं के तहत 300 कर्मचारी करीब रखे जाएंगे.

दवा स्टोर और आयुष्मान काउंटर पर भी दवाएं नहीं
स्वतंत्रता सेनानी चिंद्रिया लाल के इलाज में बाहर की दवा लिखने एवं बेंच वापस लेने पर डॉक्टर एवं नर्सिंग अधिकारियों का स्पष्टीकरण अफसरों को मिल गया है. डॉक्टर ने ऐसी दवा लिखी थी, जो न तो अस्पताल के दवा स्टोर में मिली, न ही आयुष्मान काउंटर पर. आयुष्मान काउंटर कर्मचारियों ने लोकल पर्चेज से मंगाने की जहमत तक नहीं उठाई. परिजनों को तीन हजार की दवा बाहर से लानी पड़ी. डीएमएस डॉ. धनंजय डोभाल ने बताया कि नर्सिंग अधिकारी ने अपने जवाब में कहा कि उन्होंने पर्ची बनाकर दी थी. उन्हें दवा नहीं मिली, तब वे बाहर से लेकर आए. बेंच डॉक्टर रूम की दी गई थी, इसलिए सुबह होने पर वापस ली. डीएमएस डॉ. धनंजय डोभाल ने कहा कि प्राचार्य एवं एमएस से इस विषय पर चर्चा हुई है. डॉक्टरों को निर्देशित किया गया कि वे अस्पताल के स्टोर या आयुष्मान काउंटर पर उपलब्ध दवा लिखें. नर्सिंग अधिकारी मरीजों के तीमारदारों को न दौड़ाएं. स्वतंत्रता सेनानी, गर्भवती महिला और दिव्यांगों के लिए विशेष प्रयास किए जाएं.

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