उत्तराखंड

मिलावटी खाद्य पदार्थाे की बिक्री रोकने के लिए विभाग है तैयार

Nilmani Pal
2 Nov 2023 3:00 PM GMT
मिलावटी खाद्य पदार्थाे की बिक्री रोकने के लिए विभाग है तैयार
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त्योहारी सीजन में मिलावटी खाद्य पदार्थाे की बिक्री करने वाले सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में खाद्य सुरक्षा विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है। मिलावटी खाद्य पदार्थाे की बिक्री रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने पुख्ता तैयारियां कर ली हैं।

राज्य में मिलावट के खिलाफ विशेष अभियान शुरू हो गया है। आम जनमानस को त्योहारी सीजन में शुद्ध एवं गुणवत्तापरक सामग्री उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा डॉ आर के सिंह द्वारा अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए गए हैं।

अपर आयुक्त ने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम गठित कर संदिग्ध कारोबारियों को चिन्हित करते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन के सहयोग से कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

राज्य में दुकानों व बड़े किराना व्यापारियों के गोदामों पर छापा मारने और संदिग्ध खाद्य सामग्री का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाएगा। जांच में आटा, बेसन, मसाले, कुट्टू का आटा, तेल, घी, दूध, पनीर, मावा और मिठाई पर फोकस रहेगा। मिलावटी सामान की समय पर सेंपलिंग व जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

खाद्य संरक्षा के अपर आयुक्त ने कहा कि यदि कोई आसपास मिलावटी खाद्य पदार्थाे की बिक्री करता या बनाता है तो उसकी शिकायत हेल्पलाइन नंबर पर जरूर करें।

विभाग की ओर से इसके लिए टोल फ्री नंबर (18001804246) भी जारी किया गया है। उन्होंने अपील की है कि कहीं भी खाना खरीदने और खाने पर उसका बिल जरूर लें। शिकायत के लिए बिल सहायक होता है।

खाद्य सुरक्षा के अपर आयुक्त ने कहा कि देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर, नैनीताल जिले और निकटवर्ती राज्य के एंट्री चेक पॉइंट पर विभाग के अधिकारियों को लगातार चैकिंक करने व छापामारी करने के निर्देश दिए हैं।

उत्तर प्रदेश के जनपदों से की जाती है आपूर्ति
उन्होंने कहा पूर्व में चलाए गए अभियानों में यह बात निकाल कर आई है कि प्रदेश में ज्यादातर निम्न गुणवत्ता की खाद्य सामग्री की आपूर्ति राज्य के मैदानी जनपदों से लगे हुए सीमावर्ती राज्य उत्तर प्रदेश के जनपदों से की जाती है।

अपर आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि खाद्य पदार्थों की जांच रिपोर्ट में टाल मटोल व लेटलतीफी न करें। प्राप्त नमूनों की प्राथमिकता के आधार पर जांच करते हुए तत्काल संबंधित जनपदों को विश्लेषण रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए ताकि दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

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