उत्तर प्रदेश

घरों में चल रहे अस्पतालों पर चाबुक चलाने की तैयारी

11 Jan 2024 2:29 AM GMT
घरों में चल रहे अस्पतालों पर चाबुक चलाने की तैयारी
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आगरा: स्वास्थ्य विभाग ने नए साल में घरों में चल रहे अस्पतालों पर चाबुक चलाने की तैयारी की है. शहर के कई इलाकों में आवासीय संपत्तियों में अस्पताल बना लिए गए हैं. कई स्थानों पर क्लीनिक के नाम पर अस्पताल चल रहे हैं. यहां मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है. अस्पताल पूरी तरह व्यावसायिक …

आगरा: स्वास्थ्य विभाग ने नए साल में घरों में चल रहे अस्पतालों पर चाबुक चलाने की तैयारी की है. शहर के कई इलाकों में आवासीय संपत्तियों में अस्पताल बना लिए गए हैं. कई स्थानों पर क्लीनिक के नाम पर अस्पताल चल रहे हैं. यहां मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है.
अस्पताल पूरी तरह व्यावसायिक प्रक्रिया है. इसे घरों में नहीं चलाया जा सकता. आवासीय इलाकों में अगर अस्पताल बनाए जाते हैं तो संपत्ति को व्यावसायिक के रूप में परिवर्तन कराना जरूरी है. यानि कामर्शियल कराने के बाद ही अस्पताल संचालित किए जा सकते हैं. तभी संपत्तिधारक संबंधित संस्थाओं को उचित टैक्स दे सकेंगे. इलाज करने संबंधी मानकों जैसे अग्निशमन, बेड के साथ डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की संख्या का पालन किया जा सकेगा. आगरा में ऐसा हो नहीं रहा है. स्वास्थ्य विभाग को कई इलाकों से ऐसे अस्पतालों की जानकारी मिली है. इनकी इलाकावार सूची बनाई जा रही है. में यह अभियान शुरू करने की तैयारी है.

कई विभागों का रहेगा सहयोग: मामला कामर्शियल संपत्ति का है, इसलिए अभियान में कई विभागों की मदद ली जानी है. इसमें प्रशासन, नगर निगम, एडीए, पुलिस विभाग और अग्निशमन विशेष रूप से शामिल होंगे. स्वास्थ्य विभाग अपने मानकों की खुद जांच करेगा. अन्य विभागों के आला अफसरों से स्वास्थ्य विभाग की बातचीत चल रही है. जल्द ही अभियान की शुरूआत होगी.

डॉक्टरों की घरों में ही चल रही है प्रैक्टिस: कई डाक्टर घर में ही मरीजों को देख रहे हैं. इनमें से कुछ ने घर के कमरों में ही बेड डलवा दिए हैं. मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. हालांकि यहां गंभीर मरीज नहीं रखे जाते, उन्हें अस्पतालों में रैफर कर दिया जाता है. इनका लाइसेंस क्लीनिक के नाम पर लिया गया है. हर इलाके में ऐसे डाक्टर पाए गए हैं. विभाग के खबरी लगातार इस पर काम कर रहे हैं.

अभी हर इलाके से जानकारी जुटाई जा रही है. आला अफसरों से भी परामर्श कर रहे हैं. इसे अभियान के रूप में चलाने की तैयारी है. टीमों के गठन के बाद अभियान छेड़ दिया जाएगा. डा. अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ

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