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चिटफंड कंपनियों ने पांच लाख लोगों संग की वित्तीय धोखाधड़ी
मुरादाबाद: जिले के करीब पांच लाख लोगों के साथ पिछले कुछ वर्षों में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और चिटफंड कंपनियों ने धोखाधड़ी की है. अब इसकी शिकायत के बाद जांच शुरू हो गई है. शासन के आदेश के तहत इन मामलों की जांच एडीएम वित्त करेंगे. ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार की ओर से केन्द्र …
मुरादाबाद: जिले के करीब पांच लाख लोगों के साथ पिछले कुछ वर्षों में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और चिटफंड कंपनियों ने धोखाधड़ी की है. अब इसकी शिकायत के बाद जांच शुरू हो गई है. शासन के आदेश के तहत इन मामलों की जांच एडीएम वित्त करेंगे. ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार की ओर से केन्द्र सरकार के कानून के तहत प्रशासन से शिकायत की गई है. कई महीनों से इसकी शिकायत लंबित थी. अब शिकायतकर्ताओं की मांग के बाद एडीएम वित्त के स्तर से कार्रवाई शुरू हुई है.
ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के गोपाल सैनी ने बताया कि मेरठ में पीएसीएल, जीसीए, बीएनपी, साई प्रसाद, साइन प्रकाश, श्री राम, बाइक बोट, जीएन डेयरी, बीएन गोल्ड आदि कंपनियों में लोगों ने अपनी मेहनत से कमाए पैसे का निवेश किया था, लेकिन कंपनियां बंद हो गईं. लोगों के साथ बड़ी ठगी हुई है.
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने करीब 350 ऐसी कंपनियों पर रोक लगा दी है. इन कंपनियों में जमा राशि के लिए अनियमित जमा योजना पाबंदी कानून-20 बना रखा है. इसे बड्स एक्ट भी कहा जाता है. मेरठ में ठगी के शिकार ऐसे लोगों की संख्या करीब पांच लाख है. इस मामले में उनके संगठन की ओर से फरवरी-20 में शिकायत की गई थी. एक्ट के अनुसार जिले में एडीएम वित्त को सुनवाई का अधिकार दिया गया है.
मैं आज मवाना तहसील दिवस में था. ठगी के इस मामले की जानकारी ली जा रही है. नियमानुसार कार्रवाई होगी
-सूर्यकांत त्रिपाठी, एडीएम वित्त.