उत्तर प्रदेश

रामगंगा विहार में छात्रों के दो गुटों में मारपीट के बाद कार में की तोड़फोड़

25 Jan 2024 12:40 AM GMT
रामगंगा विहार में छात्रों के दो गुटों में मारपीट के बाद कार में की तोड़फोड़
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मुरादाबाद: सिविल लाइंस क्षेत्र के रामगंगा विहार में मंगवार देर शाम एक निजी शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों के दो गुटों में मारपीट को गई. एक दूसरे को घेरने और पीछा करने के चक्कर में कार की चपेट में आकर बाइक काफी दूर तक घिसटती रही. सूचना पर पुलिस पहुंची, लेकिन तब तक मारपीट …

मुरादाबाद: सिविल लाइंस क्षेत्र के रामगंगा विहार में मंगवार देर शाम एक निजी शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों के दो गुटों में मारपीट को गई. एक दूसरे को घेरने और पीछा करने के चक्कर में कार की चपेट में आकर बाइक काफी दूर तक घिसटती रही. सूचना पर पुलिस पहुंची, लेकिन तब तक मारपीट करने वाले वहां से भाग निकले. पुलिस ने दोनों वाहनों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है.
थाना सिविल लाइंस के रामगंगाविहार स्थित निजी शिक्षण संस्थान में बढ़ने वाले बीटेक और बीफार्मा के छात्रों के बीच मारपीट हुई है. प्रत्यदर्शियों के अनुसार कार में फंसी बाइक इस कदर घिसट रही थी कि उससे चिंगारी निकलने लगी. बाइक में बाइक सवार छात्र ने अपने अन्य साथियों को बुला लिया और गलेक्सी अस्पताल के पास कार को घेर कर उसमें तोड़फोड़ कर दी. इस दौरान कार सवार छात्र को सभी ने पीट दिया. आरोपियों के चंगुल से किसी तरह भाग कर वह एक घर में घुसकर अपनी जान बचाया. घटना की सूचना मिलते ही रामगंगा विहार और आशियाना चौकी पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस कार और बाइक को कब्जे में लेकर थाने पर आ गई. इस संबंध में एसएचओ सिविल लाइंस आरपी शर्मा ने बताया कि अभी किसी भी पक्ष ने तहरीर नहीं दी है.

ग्राम प्रधान के अधिकार बहाल: एक ग्रामीण की शिकायत पर अधिकारियों की ओर से गांव प्रधान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई महंगी पड़ गई. अधिकार सीज हुए तो ग्राम प्रधान न्यायालय पहुंच गया. कोर्ट ने बिना स्पष्टीकरण प्रधान के अधिकार सीज करने पर बहाल करते हुए दोबारा जांच के निर्देश दिये हैं. मूंढापांडे ब्लॉक के खरगपुर गांव के एक व्यक्ति ने अप्रैल 2023 में डीएम के यहां शिकायत की थी. इसमें वर्ष 2020 से 23 के बीच हुए विकास कार्यो में गबन के आरोप लगाए गए थे. 22,19,876 रुपये गबन का मामला सामने आने पर ग्राम प्रधान प्रेमपाल के अधिकार सीज कर दिये. पंचायत सचिव योगेन्द्र कुमार, मनोज कुमार को निलंबित कर दिया गया. डीपीआरओ वाचस्पति झा ने बताया कि न्यायालय ने ग्राम प्रधान के अधिकार बहाल कर दिये हैं.

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