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आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. कुलपति सहित सात अधिकारियों और शिक्षकों की शिकायत लोकायुक्त से की गयी है. लोकायुक्त ने विवि कुलपति को नोटिस जारी कर 28 फरवरी तक पूरे प्रकरण में आख्या उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं. मामला विश्वविद्यालय के संविदा कर्मचारी से जुड़ा है. …
आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. कुलपति सहित सात अधिकारियों और शिक्षकों की शिकायत लोकायुक्त से की गयी है. लोकायुक्त ने विवि कुलपति को नोटिस जारी कर 28 फरवरी तक पूरे प्रकरण में आख्या उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं.
मामला विश्वविद्यालय के संविदा कर्मचारी से जुड़ा है. विवि संविदा कर्मचारी ने लोकायुक्त को शिकायत की है. इसमें रवि सक्सेना ने उनके विनियमितीकरण के नाम पर अवैध वसूली की मांग का आरोप लगाया है. आरोप विश्वविद्यालय के एक डिप्टी रजिस्ट्रार पर लगे हैं. कर्मचारी रवि सक्सेना की ओर से की गयी शिकायत में कहा गया है कि उसके मामले में विवि ने कमेटी की सिफारिश नहीं मानी. इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं किया. शिकायत में कहा गया है कि दोनों किडनी खराब हैं. हफ्ते में तीन बार डायलिसिस होता है. मुझे कुछ होता है इसके लिए कुलपति प्रो. आशु रानी, प्रति कुलपति प्रो. अजय तनेजा, रजिस्ट्रार राजीव कुमार, पवन कुमार, एसडी पालीवाल, प्रो. यूसी शर्मा, अनूप कुमार जिम्मेदार होंगे.
दो साल से फाइलों में भटक रहा कर्मचारी: कर्मचारी रवि सक्सेना 1999 में विवि में नियुक्त हुए. डाटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में उनको संविदा पर आईईटी में नियुक्त किया गया. शासन की ओर से ऐसे संविदा कर्मचारियों को विनियमितीकरण करने का आदेश दिया गया. विवि ने 22 तृतीय श्रेणी और 21 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का विनियमितीकरण तो कर दिया, लेकिन रवि सक्सेना का विनियमितीकरण नहीं हुआ.
मई 2022 में पत्र दिया
रवि सक्सेना ने मई 2022 में प्रार्थना पत्र दिया. इसको कार्य परिषद में रखा गया. परिषद ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया. कर्मचारी के अनुसार कमेटी ने उनके विनियमितीकरण करने का सुझाव दिया. इसके बाद तत्कालीन कार्यवाहक कुलपति प्रो. विनय पाठक ने प्रक्रिया करने के निर्देश दिए. इसके बाद से अभी तक कर्मचारी का विनियमितीकरण नहीं हो सका है.