उत्तर प्रदेश

लखनऊ के 10 चौराहों पर रोजाना तीन लाख से ज्यादा वाहनों का दबाव

Shantanu Roy
2 Nov 2023 9:17 AM GMT
लखनऊ के 10 चौराहों पर रोजाना तीन लाख से ज्यादा वाहनों का दबाव
x

लखनऊ: एक सर्वे के मुताबिक लखनऊ के दस चौराहों पर सबसे ज्यादा जाम लगता हैं. इसकी वजह यह है कि इन चौराहों पर 4 घंटे में तीन लाख से ज्यादा वाहनों का दबाव पाया गया है. इसीलिए इन पर सुबह, दोपहर और शाम को वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं. अब यहां जाम से राहत दिलाने के लिए सिग्नल के टाइमर में बदलाव होगा ताकि हर सिग्नल से एक बार में सभी वाहन गुजर सकें. इससे वाहन चालकों को जाम से राहत मिल सकती है.
सर्वे में यह भी पता चला है कि सिग्नल का टाइम कम होने से इन 0 चौराहों से एक बार में एक ओर से सभी वाहन नहीं गुजर पाते हैं. मौजूदा समय में 35, 45, 60 व 90 सेकेंड के अंतरल पर सिग्नल चल रहा हैं. हर दिशा से चौराहे पर पहुंचने वाले वाहनों की संख्या के आधार पर सिग्नल टाइमर न्यूनतम 50 से अधिकतम 80 करने की तैयारी है. इस संबंध में एक पत्र डीसीपी ट्रैफिक की ओर से आईटीएमएस को भेजा गया है.

कैसरबाग इलाका दिन भर जाम से जूझता रहा. कैसरबाग पुलिस और ट्रैफिक कर्मियों के बीच तालमेल की कमी से चौराहे पर सुबह साढ़े नौ बजे ऑफिस जाने के लिए निकले लोग फंस गए. करीब 330 बजे तक हालात ऐसे हो गए कि ट्रैफिक संचालन ही ठप हो गया हो. कैसरबाग चौराहे से बस अड्डा, भातखंडे़, लालबाग, अमीनाबाद, लाटूश रोड और बर्लिंग्टन की ओर जाने वाले मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं. पुलिस और ट्रैफिक कर्मी तब तक पहुंचे तब तक हालात बेकाबू हो चुके थे.
0 मिनट जाम में फंसी रही एंबुलेंस शाम पौन चार बजे एंबुलेंस यूपी 3 क्यूएन 0365 कैसरबाग चौराहे पर फंस गई. होमगार्डों ने किसी तरह एंबुलेंस को कैसरबाग चौराहे से निकाला, इसके बाद एंबुलेंस कैसरबाग कोतवाली के सामने फंस गई. एंबुलेंस 0 मिनट तक फंसी रही. एंबुलेंस चालक ने बताया कि बंगला बाजार से मरीज शांति गुप्ता को वजीरगंज के एक निजी अस्पताल लेकर जा रहे हैं.

Next Story