स्टूडेंट्स की आत्महत्या मामले में अभिभावक भी जिम्मेदार : सुप्रीम कोर्ट

Gulabi Jagat
20 Nov 2023 7:02 PM GMT

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बड़ी टिप्पणी की। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राजस्थान के कोटा में छात्रों की बढ़ती आत्महत्याओं के लिए कोचिंग संस्थानों को दोषी ठहराना उचित नहीं है क्योंकि माता-पिता की उम्मीदें भी बच्चों को अपनी जीवनलीला समाप्त करने के लिए विवश कर रही हैं।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कोटा में निजी कोचिंग संस्थानों के नियमन और उनके लिए न्यूनतम मानक निर्धारित करने के लिए कानून बनाने की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि समस्या अभिभावकों की है, कोचिंग संस्थानों की नहीं। उन तथ्यों पर गौर करते हुए कि इस साल कोटा में लगभग 24 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है और कोटा में छात्रों के लिए इंजीनियरिंग और मेडिकल कोचिंग की पेशकश करने वाले संस्थान बढ़ गए हैं, पीठ ने कहा- छात्रों की आत्महत्याएं कोचिंग संस्थानों के कारण नहीं हो रही हैं। पीठ में न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी भी शामिल थे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कोटा में आत्महत्याएं इसलिए हो रही हैं क्योंकि बच्चे अपने माता-पिता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं। मौतों की संख्या बहुत अधिक हो सकती हैं। सर्वोच्च अदालत मुंबई स्थित डॉक्टर अनिरुद्ध नारायण मालपानी द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में बच्चों को ‘वस्तु’ के रूप में इस्तेमाल किए जाने और उन्हें स्वार्थी लाभ के लिए मौत के मुंह में धकेलने के लिए कोचिंग संस्थानों को जिम्मेदार ठहराया गया था।

Gulabi Jagat

Gulabi Jagat

    Next Story