पादप प्रबंधन पर 12 सप्ताह का सर्टिफिकेट कोर्स 31 दिसंबर तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

jantaserishta.com
21 Nov 2023 2:31 PM GMT

भीलवाड़ा 21 नवंबर। खरीफ व रबी में बुवाई की जाने वाली विभिन्न फसलों में कीट एवं व्याधियों का प्रकोप पाया जाता है। कृषको द्वारा फसल को कीट एवं व्याधियों से बचाने के लिए विभिन्न प्रकार के कीटनाशक, फफूंदनाशक एवं वायरस जनित रोगों के लिए खुदरा विक्रेताओं से दवा क्रय कर उपयोग में ली जाती है। कुछ कीटनाशक विक्रेताओं द्वारा शैक्षणिक योग्यता नही होने या अपूर्ण होने से कृषको को गलत दवायें उपयोग हेतु दे दी जाती है। जिससे फसलो को कीट एवं व्याधियों के प्रकोप से नुकसान हो जाता है तथा किसान को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है। अधिकतर किसान सीधे ही खुदरा विक्रेताओं से सम्पर्क कर फसल पर कीट एवं व्याधियो के लक्षणों के आधार पर दवा का क्रय करते है परन्तु खुदरा विक्रेताओं द्वारा कभी-कभी सही जानकारी के अभाव में वांछित दवा कृषको को उपलब्ध नहीं करा पाते हैं।

संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद इन्द्र सिंह संचेती ने जानकरी देते हुए बताया कि वर्तमान में मैनेज हैदराबाद द्वारा संचालित देशी डिप्लोमा कोर्स खुदरा विक्रेताओ के लिए जिले में कृषि विभाग के माध्यम से संचालित किये जा रहे है। जिसमें 48 सप्ताह का डिप्लोमा कोर्स नये एवं पुराने खुदरा विक्रेताओं को उर्वरकों एवं कीटनाशकों के विक्रय के लिए आवश्यक किया हुआ है।

उन्होंने राष्ट्रीय पादप स्वास्थ्य प्रबन्ध संस्थान हैदराबाद के द्वारा सभी खुदरा विक्रेताओं/वितरको जिनके द्वारा भारत सरकार के गजट राजपत्र के अनुसार शैक्षणिक अर्हता नहीं है उन सभी खुदरा विक्रेताओं/वितरकों को सूचित किया जाता है कि उनको अपना व्यवसाय जारी रखने के लिए पादप प्रबंधन पर 12 सप्ताह का सर्टिफिकेट कोर्स 31 दिसंबर तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है अन्यथा उनका अनुज्ञापत्र वेद्य नही माना जायेगा। यह कोर्स यदि कोई खुदरा विक्रेता सिर्फ कीटनाशक विक्रय का अनुज्ञापत्र लेना चाहता है उनके लिए लागू होगा।
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