शाम 5 बजे तक बाहर आ सकते है मजदूर, टनल हादसे पर विशेषज्ञ ने मीडिया से कहा
उत्तराखंड। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने से उसमें श्रमिकों को फंसे 17 दिन हो गए हैं. लेकिन अभी तक अंदर फंसे 41 मजदूरों को नहीं निकाला जा सका है. आज माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा, ‘हम शाम 5 बजे तक कुछ परिणाम देखने की उम्मीद कर रहे हैं। 2-3 मीटर बचे हैं।’
उत्तराखंड के सचिव नीरज खैरवाल ने बताया कि 55.3 मीटर पाइप डाले जा चुके हैं. कुल 57-59 मीटर की दूरी है. इसमें कुछ घंटे और लग सकते हैं. हमें उम्मीद है कि शाम तक रेस्क्यू पूरा हो जाए और मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा. वर्टिकल खुदाई भी 86 में से 44 मीटर हो चुकी है. माना जा रहा है कि एक और पाइप बस डालना बाकी है.
स्थानीय लोग कहते हैं कि ये हादसा इष्ट देव भगवान बौख नाग का प्रकोप है. टनल के ठीक ऊपर जंगल में बौख नाग देवता का मंदिर है. कंपनी ने जंगलों को छेड़कर टनल बनाना शुरू किया और बदले में कंपनी ने टनल के पास देवता का मंदिर बनाने का वादा किया था, लेकिन 2019 से अभी तक मंदिर नहीं बनाया. कई बार लोगों ने कंपनी के अधिकारियों को इसकी याद भी दिलाई, लेकिन अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. उल्टे टनल साइट पर कुछ दिन पहले ग्रामीणों का बनाया गया छोटा-सा मंदिर भी तोड़ दिया. इसके ठीक बाद टनल में दुर्घटना हो गई. ग्रामीणों का कहना है कि ये देवता का प्रकोप है.