डबल मर्डर का आरोपी बोला- घर से अच्छी जगह है जेल, हत्या ऐसी कि जानकर कांप उठेगी रूह…
इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में 8 नवंबर को अपने पिता और बहन को मूसल से मारकर हत्या करने वाले आरोपी को पुलिस ने गोवा से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के पकड़ाए जाने के बाद जब उससे इस बर्बर दोहरे हत्याकांड की वजह पूछी गई तब उसने कई चौंकाने वाली बातें कही हैं। आरोपी ने हत्या करने वाले दिन से लेकर उसके जीवन के गुजरे कुछ सालों के बारे में पुलिस को बताया। उसने कहा कि वह घटना वाले दिन घर में बैठा हुआ था और पिता उसे बार-बार यही कह रहे थे कि तुझे रिहैब सेंटर भेज देंगे। वो बार-बार इस बात के लिए ही माना कर रहा था कि उसे बार-बार रिहैब सेंटर क्यों भेजते हैं। लेकिन, पिता उसकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। इसके बाद वो सीधे किचन में गया और वहां रखा मूसल उसने उठा लिया। उसने पहले अपने पिता के सिर पर मूसल से हमला किया। यह देख कर जब उसकी बहन भी उसकी तरफ आई तो उसने बहन के सिर पर भी जोर से मूसल (मसाला कूटने का लोहे नुमा रॉड) दे मारी।
आरोपी के मुताबिक, उसे अंदाजा नहीं था कि दोनों की मौत हो जाएगी। दोनों का खून निकलता देख वो वहीं बैठ गया। दो दिनों तक वह उनके पास ही बैठा रहा, फिर बदबू न आने के लिए उसने घर में रखा टेलकम पाउडर डाला और वो वहां से निकल गया। घर से निकलते समय उनसे अपने पिता के तीन एटीएम उठाए और इंदौर शहर से फरार हुआ। पहले आरोपी इंदौर से वडोदरा गया और फिर वहां से गोवा निकला गया। जब आरोपी गोवा पहुंचा तो उसने पहले एक क्रूज में बुकिंग करवाई। चार से पांच दिनों तक गोवा में क्रूज में खाने-पीने से लेकर सभी ऐश-ओ-आराम उसने किए। आरोपी ने पुलिस को यह भी बताया कि एक एटीएम से रुपए नहीं निकल रहे थे तो उसने सोचा कि एटीएम में रुपये खत्म हो गए हैं।
अय्याशी के बाद आरोपी के पास 10 हजार रुपये बचे थे। उसने गोवा से निकलने का प्लान बनाया और बस में बैठ गया। लेकिन, पुलिस को एक मुखबिर द्वारा सूचना मिली की आरोपी को गोवा बस स्टैंड पर देखा गया है। आरोपी की बस में पुलिस जैसे ही पहुंची तो उन्हें देख उसने पुलिस से बोला, ‘आप आ गए साहब, मुझे मालूम था कि आप मुझे पकड़ लेंगे। लेकिन, इतनी जल्दी पकड़ लेंगे यह उम्मीद नहीं थी।’ आरोपी से पुलिस ने यह भी पूछा कि जब पैसे ख़त्म हो गए थे तब फिर अब उसका अगला प्लान क्या था? आरोपी ने पुलिस को कहा, ‘मैं एक अच्छा कुक हूं। मैं किसी भी होटल में खाने बनाने का काम कर लेता।’
आरोपी 43 वर्षीय पुलिन धामंदे ने पुलिस को बताया, ‘मेरा पूरा जीवन मेरे पिता, बहन और मां ने खराब कर दिया है। मेरे पास एक बाइक है, जिसे मैं रोज सुबह उठकर साफ करता था। दो साल से बाइक को बड़ी मुश्किल से मैंने महज 200 किलोमीटर ही चलाया है। पापा ने बाइक की नम्बर प्लेट तक निकाल दी थी। पिता मुझसे बोलते थे कि यदि मैं बाइक से जाऊंगा तो पुलिस मुझे पकड़ लेंगी। पिता और बहन मुझे हमेशा सिर्फ ताने मारते रहते थे। इन सभी से मैं काफी परेशान हो गया था। घर में यदि खाना खाते समय मैंने दो की जगह तीन रोटी खा ली तो उसके लिए भी मुझे ताना सुनना पड़ता था।’ आरोपी का कहना है, ‘मैं बैठे-बैठे यदि टीवी देखता था तो उसकी बहन और पिता उसे टीवी भी नहीं देखने देते थे।’ बताया जा रहा है कि परिवार वाले उससे परेशान होकर उसे कभी भी रिहैब सेंटर भेज दिया करते थे। आरोपी ने इस बात से इंकार कर दिया की वो किसी भी तरह का नशा करता है।
परिवार द्वारा घटना के बाद ही पुलिस को यह जानकारी दे दी गई थी कि आरोपी सिजोफ्रेनिया नामक बीमारी का शिकार है। जिसे (मनोरोगी) भी कह सकते हैं। आरोपी के पकडे़ जाने के बाद सोमवार को परिवार मिलने के लिए पहुंचा था, लेकिन आरोपी ने ही अपने बहन और जीजा से मिलने से मना कर दिया। बोला मैं उनका चेहरा नहीं देखन चाहता हूं। मेरे लिए उन्होंने किया ही क्या है ? आरोपी को मंगलवार शाम को उसे जेल भेज दिया गया। जेल भेजे जाने पर आरोपी ने पुलिस को कहा, ‘यह घर की जेल से अच्छी जगह है। यहां कम से कम मेरे साथ कोई बात करने वाला तो होगा।’