वाराणसी। आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ छेड़खानी की घटना के बाद आईआईटी और बीएचयू के बीच दीवार खड़ी करने की योजना के खिलाफ छात्र लामबंद हैं। इसको लेकर छात्र संगठन एबीवीपी ने विरोध जताया। वहीं एनएसयूआई ने वीसी का पुतला फूंककर विरोध जताया। वहीं शुक्रवार की शाम छात्रों ने बिरला छात्रावास के पास चक्काजाम कर दिया। विश्वविद्यालय प्रशासन की दीवार बनाने की योजना को अनुचित बताया। उनका कहना रहा कि जिस तरह से आईआईटी और बीएचयू के बीच दीवार खड़ी की जा रही है यह कहीं से उचित नहीं है। इस तरह से कुंठित मानसिकता वाले लोगों का छात्र विरोध करते हैं। कहा कि विगत एक नवंबर की रात को कैंपस के अंदर कर्मनवीर बाबा मंदिर के पास आईआईटी की एक छात्रा के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट की जघन्य घटना हुई।
इस मामले के अगले दिन आईआईटी के स्टूडेंट्स ने सुरक्षा की इस भारी गड़बड़ी के खिलाफ अपना रोष व्यक्त करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रशासन ने कैंपस में वैरिकेडिंग व दीवार खड़ी करने का फैसला लिया है। बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, जबकि बीएचयू प्रशासन इसको रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। छात्रों ने पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय देने, अपराधियों को चिह्नित कर उन पर तत्काल विधिक कार्रवाई की मांग की। कहा कि बीएचयू में विशाखा गाइडलाइंस को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए और GSCASH बनाया जाए। नियमित रूप से स्टूडेंट्स, गाईस, नॉन टीचिंग स्टॉफ, फैकल्टी मेंबर्स के बीच जेंडर सेंसटाइजेशन के वर्कशॉप हों। कैंपस का विभाजन और इसको पुलिस छावनी बनाने की कोशिश के हम खिलाफ हैं। दीवार खड़ा करके ऐसी घटनाओं को नहीं रोका जा सकता। ऐसे फैसलों को तत्काल वापस लिया जाए। बीएचयू कैंपस में स्टूडेंट्स पर बिना कोई प्रतिबंध लगाए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया जाए। सभी समितियों को लोकतांत्रिक बनाया जाए जिसमें छात्रों का प्रतिनिधित्व हो।