उत्तराखंड। सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के रेस्क्यू ऑपरेशन में कई तरह की बाधाएं आ रही हैं. रेस्क्यू का आज 16वां दिन है. भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स का एक इंजीनियर ग्रुप, समूह, मद्रास सैपर्स की एक यूनिट भी रेस्क्यू के लिए साइट पर पहुंच गया है जो इस तरह कार्यों में पारंगत होता है. ये जवान मैनुअल ड्रिलिंग में सहयोग करने के साथ-साथ ऑगर मशीन के शॉफ्ट काटकर अलग करेंगे. इसके अलावा मुंबई के सीवर में काम करने वाले श्रमिकों की भी मदद ली जा रही है जो मलबा हटाकर अंदर के लिए रास्ता बनाएंगे.
सुरंग में फंसी ऑगर मशीन को टुकड़ों में काट-काटकर बाहर निकाला जा रहा है.नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने बताया कि ऑगर मशीन अब 8.9 मीटर बची है और उसे निकालने के लिए काम तेजी से चल रहा है. इसके बाद मैन्युअली एस्केप टनल बनाने का काम चलेगा.
एसजेवीएनल वर्टिकल ड्रिलिंग को लेकर काम कर रहा है. अभी तक 19.2 मीटर ड्रिल हो गई है और पहली मशीन से 45 मीटर ड्रिलिंग होगी और फिर मशीन चेंज होगी. टोटल 86 मीटर ड्रिलिंग की जानी है. इस ड्रिलिंग में 100 घंटो का टारगेट रखा गया है यानि वर्टिकल ड्रिलिंग चार दिन के अंदर पूरी होगी. उत्तरकाशी के डीएम ने बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए चार दिन का समय हमने रखा है, 30 नवंबर तक ये 86 मीटर की ड्रिलिंग पूरी हो पाएगी.
उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल का अपडेट
सुरंग के ऊपर ऐसे हो रहा है वर्टिकल ड्रिल, मशीन ने अभी तक 15 मीटर की ड्रिल पूरी, 86 मीटर की ड्रिल होनी है। pic.twitter.com/a9jLI1BqAF
— Ajit Singh Rathi (@AjitSinghRathi) November 26, 2023