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रेप केस: कोर्ट ने पुलिस को लताड़ा, पीड़िता और गवाह अपने बयान से पलटे

3 Feb 2024 3:26 AM GMT
रेप केस: कोर्ट ने पुलिस को लताड़ा, पीड़िता और गवाह अपने बयान से पलटे
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नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने पीड़िता और अन्य गवाहों के अपने बयान से पलटने के बावजूद एक शख्स को भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो की धाराओं के तहत नाबालिग से रेप का दोषी ठहराया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) अमित सहरावत की अदालत ने कहा कि सर्वाइवर, अन्य गवाहों के साथ, अपने बयानों …

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने पीड़िता और अन्य गवाहों के अपने बयान से पलटने के बावजूद एक शख्स को भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो की धाराओं के तहत नाबालिग से रेप का दोषी ठहराया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) अमित सहरावत की अदालत ने कहा कि सर्वाइवर, अन्य गवाहों के साथ, अपने बयानों से मुकर गई, क्योंकि यह गवाह आरोपी से प्रभावित थे और उन्होंने ईमानदारी से गवाही नहीं दी।

कोर्ट ने कहा, 'बिना संभोग आरोपी का डीएनए पीड़िता के प्राइवेट पार्ट्स पर मौजूद नहीं हो सकता और यह तथ्य स्पष्ट रूप से इस बात को साबित करता है कि आरोपी ने नाबालिग पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। इसके अलावा, यह मायने नहीं रखता कि संभोग सहमति से हुआ या पीड़िता की सहमति के बिना।' जिस समय पीड़िता का पीड़िता का यौन उत्पीड़न किया गया था, उस समय उसकी उम्र 14 साल और चार महीने थी।

पीड़िता के माता-पिता द्वारा पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराने के बाद, वह बिहार में आरोपी के साथ मिली थी। अपनी गवाही के दौरान, वह बयान से पलट गई और अभियोजन पक्ष के केस का समर्थन नहीं किया। विशेष लोक अभियोजक विनीत दहिया ने अदालत के समक्ष कहा कि हालांकि पीड़िता अपने बयान से पलट गई थी, लेकिन डीएनए रिपोर्ट यौन संबंध का पर्याप्त सबूत है।

वहीं बचाव पक्ष की मुख्य दलील थी कि पीड़िता अपने बयान से मुकर गई है। हालांकि फोरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी के वीर्य (सीमन) के निशान पीड़िता के अंदरूनी और बाहरी कपड़ों और उसके निजी अंगों पर मिले थे। अदालत ने इस बात पर गौर किया। अदालत ने जांच अधिकारी की खिंचाई करते हुए कहा कि आईओ ठीक से जांच करने में विफल रहे हैं।

कोर्ट ने कहा चूंकि जिस स्थान पर नाबालिग लड़की आरोपी के साथ मिली थी वह एक सार्वजनिक स्थल था इसलिए आईओ को इसमें सार्वजनिक व्यक्तियों को शामिल करना चाहिए था। इसके अलावा आईओ को रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज को कोर्ट में पेश करना चाहिए था, जहां पीड़िता आरोपी के साथ मिली थी, लेकिन आईओ ऐसा करने में विफल रहे। आरोपी ने कहा कि उसे झूठे केस में फंसाया गया है क्योंकि पीड़िता के परिवार ने उससे पैसे उधार लिए थे और वह कर्ज चुकाने में असमर्थ थे।

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