प्रोफेसर निलंबित किए गए, उत्पीड़न से परेशान शोध छात्र ने किया था सुसाइड
तमिलनाडु। आईआईटी-मद्रास ने शोध छात्र सचिन कुमार जैन की आत्महत्या की जांच करने वाले पांच सदस्यीय जांच पैनल की सिफारिशों के आधार पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर आशीष कुमार सेन को निलंबित कर दिया है. प्रो सेन, सचिन के पीएचडी पर्यवेक्षक थे.
सचिन की आत्महत्या से मौत के बाद, छात्रों और उनके परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि सचिन ने उनके उत्पीड़न से तंग आकर ऐसा खतरनाक कदम उठाया. उन्होंने प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की. पांच सदस्यीय जांच समिति की अध्यक्षता पूर्व डीजीपी जी थिलागावती ने की थी. मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए IIT मद्रास ने कहा कि प्रोफेसर आशीष सेन को बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के निर्देश के आधार पर निलंबित कर दिया गया है. संस्थान सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन कर रहा है.
इस बीच, आईआईटी मद्रास छात्र संगठन ने अपने एक साथी के खिलाफ “मजबूत और साहसी कार्रवाई” के लिए आईआईटी प्रशासन को बधाई दी. उन्होंने एक बयान में कहा कि यह उन कई छात्रों की जीत है जो सचिन की आत्महत्या के बाद विरोध प्रदर्शन के लिए एक मंच पर साथ आए थे. सत्य की हमेशा जीत होती है.
छात्र आत्महत्या के मुद्दे पर आईएएस थिलागावती कमेटी द्वारा आईआईटी मद्रास प्रशासन को सौंपी गई रिपोर्ट में प्रोफेसर आशीष कुमार सेन को प्रोफेसर के पद से हटाने की सिफारिश की गई थी. जानकारी के अनुसार मृतक छात्र सचिन जैन पश्चिम बंगाल का रहने वाला था और वह मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रहा था. हाल ही में IIT संस्थानों में स्टूडेंट्स के सुसाइड की बढ़ती घटनाओं को लेकर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा था कि इन घटनाओं के बारे में सोचकर चिंता होती है. उन बच्चों के पेरेंट्स के बारे में सोचता हूं तो दिल दुखता है.